आपदा को अवसर मे ना बदलें!भिलाई दुर्ग मे खाद्य समाग्री की कीमतों में जबरदस्त उछाल

भिलाई : एक तरफ कोरोना लोगों की जान ले रहा है, लोगों के रोजगार छीन रहा है, तो दूसरी ओर ऐसी आपदा को भी मतलबपरस्त अवसर में बदल रहे हैं, अभी तक सिर्फ जीवन रक्षक दवाओं की कालाबाजारी की खबरें आ रही थीं, लेकिन अब लॉकडाउन की अवधि की बढ़ोतरी के बीच ना सिर्फ खाद्य सामग्री की कालाबाजारी भी शुरू हो गई है, बल्कि उसके दाम में भी बेतहाशा बढोतरी देखी जा रही है।

कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर सुनामी बनकर क्या टूटी, लोगों की जिंदगी उजड़ कर रह गई है. एक तरफ कोरोना का डर, दूसरी तरफ आम जिंदगी पर ब्रेक लगना और उस पर से जिले में लॉकडाउन की अवधि का बढ़ जाना, मतलबपरस्तों की चांदी ही चांदी हो गई है।

लॉकडाउन की अवधि दूसरी बार 19 अप्रेल से बढ़ा कर 26 अप्रेल होने के कारण सभी खाद्य सामग्री की कीमतों में जबरदस्त उछाल आ गया है। लॉकडाउन की अवधि लगातार दूसरी बार बढ़ने की वजह से लोगों के घरो के राशन भी खत्म हो गए, लोगो का कहना है लॉकडाउन की अवधि तो बढ़ी अच्छा फैसला है, लेकिन इस फैसले को ध्यान मे रखकर लिया जाना चाहिए था,लोगों के घरों मे राशन खत्म हो चुके है जिसकी वजह से लोगों को भटकना पड़ रहा है लोग घरो से निकल राशन ढूंढ रहे है, जिसका मौकापरस्त लोग आपदा कों अवसर बना 2 गुना रेट पर राशन समाग्री बेच रहे है, जिन पर तत्काल लगाम लगाने की जरूरत है।

अचानक बढ़ी महंगाई से लोगों की कमर टूट रही है। 15 दिन में ही खाद्य सामान 10 से 20 फीसदी तक महंगे हो गए हैं। लॉकडाउन लगने के पूर्व जहां सरसों तेल की कीमत 120-130 रुपये थी,वो अब 165-185 रुपए लीटर हो गया है. जो दाल 70-75 रुपए की बिक रही थी, अब वही 100 से 120 रुपए में खरीदना पड़ रहा है।

ये हाल सिर्फ दुर्ग भिलाई ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश में है, सरकार जरुरी दवाओं, ऑक्सीजन की किल्लत से निपटने में जुटी है, लेकिन खाद्य सामग्री की कीमतों में हो रही अंधाधुंध बढ़ोतरी को रोकने को लेकर भी जिम्मेदारी बढ़ती जा रही है।

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