Covid-19:कोरोना से हुई मौत के आंकड़ों को छुपा रही सरकार, वास्तविक संख्या 5 गुना अधिक, डेटा छुपाने राज्य सरकारों पर केंद्र का दबाव?
नईदिल्ली: देश में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर से हर ओर लाचारी-बेबसी नजर आ रही है। लोगों को ना तो बेड्स मिल रहे हैं और ना ही ऑक्सीजन। लगातार सिस्टम चरमराता जा रहा है। केंद्र और राज्यों के लाख दावों के बाद भी स्थिति में कोई सुधार नहीं दिख रहा है। इसमें मौत के आंकडों का भी खेल चल रहा है। पिछले दिनों आउटलुक ने ही बताया था कि दिल्ली में एक सप्ताह के भीतर के आंकड़ों को देखें तो नगर निगम और दिल्ली सरकार- दोनों के आंकड़ों में 700 से अधिक मौतों का अंतर है। कई राज्यों से लगातार इस तरह की खबरें आ रही है। राज्य के आंकड़े और श्मसान घाट में लगातार जलते शव कुछ और बयां कर रहे हैं। अब दैनिक भास्कर ने दांवा किया है कि सरकार आंकड़ों को सिर्फ छुपा ही नहीं रही है बल्कि राज्य सरकारों पर केंद्र छुपाने का दबाव भी बना रही है।
रिपोर्ट में कहा है कि जो आंकड़े सरकार बता रही है उससे पांच गुना अधिक लोगों की मौत हुई है।
भास्कर ने अपनी रिपोर्ट में विशेषज्ञों के हवाले से लिखा है, ये संख्या विचलित करती है, फिर भी वायरस के फैलाव की सही स्थिति नहीं दिखाई जा रही है। डेटा छिपाने के लिए राज्यों पर केंद्र सरकार का दबाव है।” आगे रिपोर्ट में कहा गया है, “इधर, वैज्ञानिक इस बात को लेकिर चिंतित हैं कि भारत में वायरस के नए स्वरूप अधिक घातक हो सकते हैं। नए मरीजों की तेज बढ़ोतरी के पीछे वायरस के नए स्वरूप की भूमिका हो सकती है।
विदेशी अखबार ‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ ने भी केंद्र के आंकड़ों पर सवाल उठाए हैं। अखबार ने लिखा है कि भारत के अस्पताल भरे हुए हैं, ऑक्सीजन की कमी है, लोग डॉक्टरों को दिखाने के लिए इंतजार में मर रहे हैं, ये तमाम बातें दिखाती हैं कि मौत का असली आंकड़ा, सरकारी आंकड़ों से काफी अधिक है। सरकारी आंकड़ों की बात करें तो 24 अप्रैल को पूरे देश में कोरोना वायरस से 2767 लोगों की मौत हुई। लेकिन, देशभर के श्मशानों से आ रही तस्वीरें अलग ही कहानी बता रही हैं।