भिलाई:कर्जदारों को भुगतना पड़ रहा लॉकडाउन का खामियाजा, काम व व्यवसाय बंद होने के बाद भी निजी बैंक व फाइनेंस कंपनियां कर रही तगादा
भिलाई:बैंकों और फाइनेंस कंपनियों से कर्ज लेने भिलाई में छिटपुट धंधे, नौकरी और मजदूरी करने वाले हजारों लोगों को लॉकडाउन का खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। आर्थिक तंगी के कारण ऐसे अनेक लोगों किस्त जमा कर नहीं कर पा रहे हैं। इस मामले में अब तक केंद्र व राज्य सरकार द्वारा प्रभावितों को कोई राहत नहीं दी गई है। जिसके चलते कुछ निजी व सरकारी बैंक व फाइनेंस कंपनियां किस्त जमा करने तगादा कर रहे हैं। उल्लेखनीय है कि पिछले साल कोरोना संक्रमण के दौरान देशव्यापी लॉकडाउन के समय केंद्र व राज्य सरकार द्वारा लोगों को बैंक की ईएमआई जमा करने के लिए 3 महीने की मोहल्त दी गई थी। यानी लॉकडाउन अवधि में जो लोन का भुगतान नहीं कर पाए, वह चाहे तो बाद में यह राशि जमा कर सकते हैं। इस दौरान कर्ज देने वाले बैंक और निजी वित्तीय कंपनिया वसूली के लिए तगादा नहीं करेंगी। सरकार की इस रियायत के चलते संबंधित संस्थानों के भी सहयोग करने से आर्थिक रूप से कमजोर ऐसे हजारों लोगों को बड़ी राहत मिली थी। लेकिन इस बार जिले में लॉकडाउन होने के बाद अब तक राज्य व केंद्र सरकार द्वारा बैंकों के किस्तों में मोहल्त का कोई आदेश जारी नहीं किया गया है। इस कारण प्रभावित लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। याद रहे कि जिले में लोगों को संक्रमण से बचाने के लिए लॉकडाउन 6अप्रेल को लगाया गया था। अधिकतर छोटे व निजी सस्थानों व्यवसायिक प्रतिष्ठानों आदि के कर्मियों का प्रतिष्ठान बंद होने से काफी परेशानी उठानी पड़ रही है, इसी तरह फुटपाथ पर व्यवसायियों, आदि विभिन्न धंधे करने वाले लोगों को तो वेतन भी नहीं मिलता वह अपने धंधों की कमाई पर ही निर्भर होते हैं। लेकिन इस बार लॉकडाउन में पूरी तरह दुकाने आदि व्यवसाय बंद होने से उनकी आय पूरी तरह से बंद है लॉकडाउन को 26 तारीख से बढ़ा कर 6 मई तक किये जाने से लोगों की चिंता और बढ़ती जा रही है। लोगों कहना है एक तरफ रोजगार बंद है इसी समय में फाइनेंस व निजी बैंकों से अपनी जरूरतों व घरेलू विपदाओं के चलते लिए गए लोन के भुगतान के लिए संस्थानों से सूचित किया जा रहा है। और जल्द ही किस्त जमा के लिए जोर दिया जा रहा है। प्रभावितों फोन पर बताया की कुछ कर्मचारी लगातार तगादे का दबाव बना रहे है। सरकार को पिछले लॉकडाउन की तरह इस बार भी किस्तों के लिए तीन से चार महीने की मोहल्त दिए जाने का आदेश जारी करने की जरूरत है।
