पश्चिम बंगाल:ममता बैनर्जी की कैबिनेट में यूपी वालों का जलवा, ये नेता बने मंत्री

पश्चिम बंगाल में तीसरी बार मुख्यमंत्री बनीं ममता बनर्जी ने अपनी कैबिनेट का गठन कर लिया है. ममता ने 43 मंत्रियों के साथ अपना मंत्रिमंडल तैयार किया है, जिसमें यूपी का जलवा पहले की तरह ही कायम है. यूपी के प्रतापगढ़ जिले के रहने वाले मनोज तिवारी को ममता कैबिनेट में जगह मिली है और उन्हें खेल एवं युवा कल्याण मंत्री की जिम्मेदारी दी गई है. वहीं, इससे पहले वाली ममता सरकार में उन्नाव के शुक्लागंज के रहने वाले लक्ष्मी रतन शुक्ला खेल मंत्री रह चुके हैं, लेकिन चुनाव से ठीक पहले उन्होंने टीएमसी छोड़ दी थी. इसी के बाद मनोज तिवारी की टीएमसी में एंट्री हुई और अब उन्हें शुक्ला की तरह मंत्री बनाकर ममता ने अपनी कैबिनेट में शामिल किया है।

बंगाल की शिबपुर सीट से विधायक चुने गए मनोज तिवारी ने विधानसभा चुनाव से ठीक पहले ही टीएमसी का दामन थामा था. पार्टी ने उन्हें शिबपुर सीट से प्रत्याशी बनाया, जिनके खिलाफ बीजेपी से पूर्व मेयर रथिन चक्रवर्ती मैदान में उतरी थीं. इसके बाद भी मनोज तिवारी 32 हजार से ज्यादा वोटों से जीत हासिल कर विधायक बने और अब ममता सरकार में खेल एवं युवा कल्याण मंत्री हैं.

मनोज तिवारी प्रतापगढ़ के मूल निवासी
मनोज तिवारी मूल रूप से उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ के मंगरौरा ब्लॉक के सकरा गांव के निवासी हैं. मनोज तिवारी का बचपन हावड़ा में गुजरा है. उनके दादा व्यापार करने कोलकाता गए थे, जिनके साथ मनोज तिवारी के पिता दयाशंकर तिवारी भी गए. मनोज तिवारी का पूरा परिवार कोलकाता में रहता है. तिवारी ने करियर के रूप में क्रिकेट को चुना था और पश्चिम बंगाल से रणजी खेलने लगे. मनोज तिवारी ने महेंद्र सिंह धोनी के नेतृत्व में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट भी खेला. हालांकि, अब तिवारी ने सियासत में कदम रख दिया है और ममता के सिपहसलार बन गए हैं.

तिवारी को क्रिकेट से मिली पहचान
मनोज तिवारी को क्रिकेट से देश और दुनिया में पहचान मिली है, जिसकी बदौलत उन्होंने राजनीति में भी अपनी जगह बनाई है. तिवारी ने रणजी ट्राफी में अपनी शानदार बल्लेबाजी से प्रभावित किया था, जिसकी वजह से बांग्लादेश के दौरे के लिए उनको भारतीय टीम में जगह मिली थी. वह आईपीएल के दो सत्र में दिल्ली डेयरडेविल्स की ओर से खेले और इसके बाद 2011 में उनको कोलकाता नाइट राइडर्स में एंट्री मिली. पांच साल केकेआर के लिए खेलने के बाद 2017 में राइजिंग पुणे सुपरजायंट ने उनको अपनी टीम में जगह दी. इस तरह से मनोज तिवारी ने क्रिकेट के जरिए अपनी पहचान स्थापित की और अब सियासी पिच पर हाथ आजमाने के लिए उतरे हैं.

लक्ष्मी रतन शुक्ला रह चुके हैं मंत्री
यूपी के उन्नाव के शुक्लागंज के रहने वाले लक्ष्मी रतन शुक्ला भी ममता सरकार में खेल मंत्री रहे चुके हैं. लक्ष्मी रतन शुक्ला ने 2016 विधानसभा चुनाव से पहले टीएमसी में शामिल होकर अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत की थी. ममता बनर्जी ने उनको टिकट दिया और हावड़ा उत्तर से विधायक चुने गए थे. इसके बाद ममता सरकार में उन्हें खेल और युवा मामलों का मंत्री बनाकर अपनी कैबिनेट में शामिल किया, लेकिन इस बार चुनाव से ठीक पहले उन्होंने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था और चुनाव लड़ने से मना कर दिया था.

टीम इंडिया से खेल चुके ऑलराउंडर लक्ष्मी रतन शुक्ला ममता सरकार से इस्तीफा देने के बाद आईपीएल की कमेंट्री टीम का हिस्सा बन गए थे. लक्ष्मी रतन शुक्ला ने देश के लिए तीन वनडे और 137 प्रथम श्रेणी मैच खेले हैं. वह आईपीएल में भी कोलकाता नाइट राइडर्स, दिल्ली डेयरडेविल्स के बाद सनराइजर्स हैदराबाद की टीम का हिस्सा रहे हैं. क्रिकेट से मिली पहचान के बाद उन्होंने सियासत में कदम रखा और हावड़ा उत्तर से विधायक चुने गए थे, लेकिन अब वो अपनी क्रिकेट की दुनिया में फिर वापसी कर गए हैं.

बलिया के हरेराम सिंह बने विधायक

उत्तर प्रदेश के बलिया के हरेराम सिंह पश्चिम बंगाल की जामुडिया सीट से टीएमसी के टिकट पर विधायक चुने गए हैं. मनियर कस्बा के उत्तर टोला निवासी हरेराम सिंह ने बंगाल चुनाव में तृणमूल कांग्रेस के टिकट पर जामुडिया सीट से विजय प्राप्त की है. उन्होंने भाजपा के तापस राय व माकपा के आइशी घोस को हराकर इस सीट पर कब्जा जमाया है. लेफ्ट का यह मजबूत गढ़ था, जहां टीएमसी ने पहली बार जीत दर्ज की है और यूपी के रहने वाले हरेराम सिंह विधायक बने हैं।

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