भिलाई: बीएसपी की गलत नीति के कारण 80% इंडस्ट्रीज ब्लैक लिस्टेड, बाहर के उद्योगों को दिया जा रहा काम, भिलाई एंसीलरी एसो की आपात बैठक

भिलाई: भिलाई एंसीलरी एसोसिएशन की एक आपात बैठक बीईडब्ल्यू में सोमवार को बुलाई गई. जिसमें बीएसपी द्वारा एंसीलरी उद्योगों को काम में डिले किए जाने पर गहरा रोष व्यक्त किया गया. इस डिले के चलते 80% उद्योग बंद हो चुके हैं पदाधिकारियों का स्पष्ट आरोप था कि साजिश के तहत यह किया जा रहा ताकि बाहर के उद्योगों को काम दिया जा सके। बीएसपी की मंशा से स्पष्ट होता है कि वह चाहता है कि एंसीलरी उद्योग पूरी तरह बंद हो जाए. बीएसपी के रवैये को लेकर बैठक में तनावपूर्ण स्थिति निर्मित हुई.
एसोसिएशन के अध्यक्ष अरविंदर सिंह खुराना की अध्यक्षता में बीईडब्ल्यू में बैठक शुरू हुई. बैठक में महासचिव चरणजीत सिंह खुराना, उपाध्यक्षद्वय आशुतोष तिवारी एवं व्यास प्रसाद शुक्ला, संरक्षकद्वय चमन लाल बंसल व जेके जैन सहित आरके सिंह, अनिल गुप्ता, सिमरनजीत सिंह खुराना, देशराज यादव, रविशंकर मिश्रा, किशन अग्रवाल, सुरेश गुप्ता, अनिल शुक्ला, डी रामास्वामी, कंवलजीत सिंह, गगनदीप सिंह सहित बड़ी संख्या में उद्योगपति उपस्थित थे अध्यक्ष श्री खुराना का कहना था कि बीएसपी ने साजिश के तहत 80% उद्योगों को इसलिए बंद कर दिया है क्योंकि 5 एटी सप्लाई नहीं हुआ है 5 एटी सप्लाई तब होगा जब डीपी एक्सटेंशन मिलेगा . लेकिन पिछले तीन माह से न तो डीपी एक्सटेंशन दिया जा रहा है और न माल लिया जा रहा है. यदि डीपी एक्सटेंशन मिल जाता तो 5 एटी के बंधन से हम मुक्त हो जाते. 5 एटी के नियम के चलते इंक्वायरी बंद कर दी गई जिसके कारण एंसीलरी में लगभग 80% से 90% लोग ब्लैक लिस्टेड हो गए हैं इस बंद का फायदा उठाकर कोलकाता, मुंबई के और बाहरी उद्योगों को धड़ल्ले से काम दिया जा रहा है ।बैठक में अधिकांश पदाधिकारियों का एक ही आरोप था कि बीएसपी प्रबंधन द्वारा काम दिए जाने में जानबूझकर डिले किए जा रहा है इतने संकट के बावजूद बीएसपी हमारे एंसीलरी के लिए कुछ नहीं कर रहा है. जो आर्डर हमारे पास हैं वह मरे हुए सर्प की तरह गले में डालने लायक हो गया है वहीं दूसरी तरफ लेबर का भुगतान, बिजली एवं शासकीय भुगतान, सारे ठप हो चुके हैं. बीएसपी में माल इसलिए सप्लाई नहीं हो पा रहा है कि रेट में बेतहाशा वृद्धि कर दी गई है। महासचिव चरणजीत सिंह खुराना का कहना था कि जो डीपी देनी थी उस पर भी ढाई माह बाद भी कोई निर्णय नहीं हो पाया है. क्या देना है, कब देना है, क्या करना है इसे लेकर बीएसपी की कोई स्पष्ट नीति नहीं है डीपी एक्सटेंशन को अधिकारियों ने मोड़कर परचेज डिपार्टमेंट में रखा हुआ है. बात करने पर एक ही जवाब मिलता है कि डिपार्टमेंट से शॉप भेजा गया है. शॉप से क्लीयरेंस नहीं मिला है. उपाध्यक्ष श्री तिवारी का का कहना था कि बीएसपी चाहता है कि किसी तरह एंसीलरी उद्योग बंद हो जाएं. इसके चलते औद्योगिक क्षेत्र में हाहाकार मचा हुआ है. स्थिति तनावपूर्ण है. कभी भी किसी भी समय उद्योगों में अप्रिय घटना घट सकती है। बैठक में जब स्थिति काफी तनावपूर्ण हो गई तो सदस्य आरके सिंह ने कहा कि इस संदर्भ में हमें एमएसएमई के अध्यक्ष केके. झा से मिलना चाहिए. वे पूर्व में एंसीलरी एसो. के अध्यक्ष रह चुके हैं. उनसे सलाह लेनी चाहिए कि हम आगे क्या करें।
ओरिजनल एसो. को सहयोग करें और संयुक्त रूप से अपनी बात रखें : झा- तत्पश्चात एसोसिएशन के कुछ पदाधिकारी एवं सदस्य एमएसएमई के अध्यक्ष श्री झा से मिले सदस्यों ने एक-एक कर अपनी बात श्री झा के सामने रखी। श्री झा ने सौहार्दपूर्ण वातावरण में सभी की बात सुनी संरक्षक श्री बंसल ने बताया कि 5 साल से एक इकाई को इसलिए काम नहीं मिल रहा क्योंकि उसमें क्रेडेंशियल नहीं बन पा रहा. जबकि वहीं इकाई पिछले 20 साल से पूरे माल की सप्लाई करते आ रही है. इसी तरह अन्य समस्याएं भी उनके सामने रखी गई। श्री झा ने प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों को शांति बनाए रखने कहा तथा समझाईश दी कि कोई ऐसा कदम ना उठाएं जिससे संयंत्र पर एवं आप लोगों की मानसिक स्थिति पर दुष्प्रभाव पड़े उन्होंने कहा कि ओरिजनल एसोसिएशन का किसी भी हालत में विरोध ना करें। परिस्थिति गंभीर है उनके समक्ष अपनी बात रखें और मिलजुल कर उनका सहयोग करें. संयुक्त रूप से अपनी मांग रखी जा सकती है.।श्री झा ने कहा कि किसी की लाइन मिटाने की कोशिश मत करें बल्कि अपनी लाइन को लंबी करें आप लोगों ने जो भी प्रॉब्लम बताया है इस संबंध में उसके निराकरण के लिए बीएसपी प्रबंधन से बातचीत की जाएगी. उम्मीद है कि बहुत जल्दी इसका निराकरण प्रबंधन करेगा. आप लोगों की जो भी मांग है सब जायज है. श्री झा ने कहा कि बीएसपी प्रबंधन शुरू से ही गंभीर है खासकर डायरेक्टर इंचार्ज अनिर्वान दास गुप्ता. वह एंसीलरी को अपना समझते हैं. हाल ही में सेल चेयरमैन सोमा मंडल के साथ हुई बैठक में भी उन्होंने एंसीलरी को आगे बढ़ाने के लिए हम से ही सुझाव पत्र मांगा है। हम सुझाव पत्र के साथ प्रबंधन के साथ जल्द ही मुलाकात करेंगे उम्मीद है कि समस्या का हल जल्द निकलेगा।

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