श्रम विभाग की अनदेखी की वजह से गैस एजेंसी संचालक गरीब श्रमिक मजदूरों का कर रहे हैं शोषण,अंतर्राष्ट्रीय मानव-अधिकार संघ के प्रदेश प्रवक्ता मुकेश वर्मा ने की एजेंसीयों के जाॅच की मांग

भिलाई: अंतर्राष्ट्रीय मानव-अधिकार संघ के प्रदेश प्रवक्ता मुकेश वर्मा ने श्रम कानून के उल्लंघन वाले व श्रमिकों का शोषण करने वालों को करारा जवाब देते हुए जारी बयान में कहा है कि दुर्ग जिले में श्रम विभाग की लापरवाही से कई निजी संस्थानों में मजदूरों का शोषण किये जाने की आशंका है इसी कड़ी में दुर्ग जिले में घरेलू गैस की कई एजेंसीया संचालित है विगत 20 से 30 वर्षो से घरेलू गैस को घर घर पंहुचाने एजेंसी संचालित कर रहे हैं किन्तु एजेंसी में कार्यरत अनिमित गरीब मजदूरों को काम अधिक वेतन कम की तर्ज पर उनके कार्य के अनुसार सरकार से तय न्यूनतम वेतन नहीं दिये जाने की आशंका है एजेंसी के मालिक व मैनेजर के द्वारा विगत 20 वर्ष से गरीब मजदूरों का शोषण किया जा रहा है उन्हे वेतन पर्ची व ईएसआई ऐसे कई शासकीय योजनाओं से वंचित रखा गया है वर्मा ने कहा कि आश्चर्य की बात यह है कि दुर्ग संभाग घोषित होने के बाद सहायक श्रम आयुक्त का कार्यालय दुर्ग में स्थापित है किन्तु इन एजेंसीयों के खैर खबर लेने वाले शासन के अधिकारी शायद जिले में है हि नहीं श्रम विभाग के अंतर्गत कई शिकायत की गई किन्तु श्रम अधिकारीयों के कानों में जूं तक नहीं रेंगती जिसका फायदा उठाकर गैस एजेंसी के संचालकों का हौसला इतना बढ़ गया है कि श्रम कानून अधिनियम की धज्जियां उड़ा रहे हैं वर्मा ने कहा है कोरोना महामारी में भी गैस एजेंसी में कार्यरत मजदूर अपनी सेवाएं देते रहे हैं राज्य सरकार व केन्द्र सरकार ने इन श्रमिक मजदूरों को फ्रंटलाईन वर्कर की सूची में शामिल किया है शासन व श्रम विभाग गैस एजेंसीयों के दस्तावेजों की जांच करे साथ हि श्रम कानून का उल्लंघन कर मजदूरों का शोषण करने वालों पर कार्यवाही करने मांग अंतर्राष्ट्रीय मानव-अधिकार संघ करती है

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