छत्तीसगढ़: गोबर घोटाले मामले में हुआ बड़ा खुलासा, गोबर खरीदने के नाम पर जिला पंचायत से 4 लाख 60 रुपये का भुगतान

बिलासपुर: जिले में स्व-सहायता समूहों ने गोबर की खरीदी में घोटाला कर दिया। जिले के तीन स्व-सहायता समूहों ने गोबर खरीदने के नाम पर जिला पंचायत से 4 लाख 60 रुपये का भुगतान ले लिया। बाद में पता चला कि उन्होंने गोबर की खरीदी ही नहीं की।

घोटाला करने वालों में नेवरा, देवरीखुर्द और बेलटुकरी के तीन स्व-सहायता समूह शामिल हैं। तीनों समूहों ने जिला पंचायत को गोबर खरीदी का भरोसा दिला कर भुगतान हासिल कर लिया। वास्तव में उन्होंने खरीदी की ही नहीं और कागजों पर दिखा कर रकम ले ली। मामले का पता चलने पर जब एफआईआर की धमकी दी गई, तब उन्होंने कुछ रकम जिला पंचायत को वापस किया।

मामले का खुलासा तब हुआ जब कृषि उप संचालक कार्यालय से भुगतान के लिए स्व-सहायता समूहों की लिस्ट भेजी गई। जिला पंचायत ने नेवरा के स्व-सहायता समूह के खाते में 3 लाख, देवरीखुर्द के स्व-सहायता समूह के खाते में 1 लाख और बेलटुकरी के स्व-सहायता समूह के खाते में 60 हजार रुपये की राशि जमा कर दी गई। जिला पंचायत ने खरीदी की सच्चाई जानने के लिए तीन सदस्यों का जांच समिति बनाई तो यह घपला सामने आ गया।

घोटाले का पता चलने पर तीनों समूहों को रकम वापस करने के लिए तीन दिनों का समय दिया गया। इनमें से दो समूहों ने 49-49 हजार रुपये वापस कर दिए। तीसरे समूह ने 20 हजार रुपये जिला पंचायत को लौटा दिया।

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