दीदी से देवी बनी ममता बैनर्जी: दुर्गा पूजा के पंडालो में दीदी की प्रतिमा लगाने की तैयारी, भाजपा ने बताया हिन्दुओं का अपमान

पश्चिम बंगाल: देशभर में अगले कुछ दिनों में मनाए जाने वाले दुर्गा पूजा या नवरात्र महोत्सव की तैयारियां शुरू हो गई है। कोलकाता के दुर्गा पूजा पांडालों में देवी की प्रतिमा के साथ मुख्यमंत्री व टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी की प्रतिमा स्थापित करने की योजना को लेकर बवाल मच गया है।

ख्यात मूर्तिकार मिंटू पाल ने कुमारटूली स्थित अपने स्टूडियो में फाइबरग्लास की प्रतिमा बनाई है। इसमें टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी की पसंदीदा सफेद रंग की साड़ी और उनके ट्रेडमार्क स्लिपर चप्पल में उनकी देवी रूपी प्रतिमा बनाई गई है। शुक्रवार को पीटीआई से चर्चा में मूर्तिकार पाल ने कहा, ‘मैंने माननीय मुख्यमंत्री के फोटो व वीडियो का अध्ययन की दृष्टि से अवलोकन किया। वे जिस तरह चलती हैं, बात करती हैं, जनता से मिलती हैं, उनको ध्यान में रखकर प्रतिमा का मुखड़ा तैयार किया गया है।’

उन्होंने बताया कि देवी के हाथों में शस्त्र दर्शाने की बजाए उनके 10 हाथ बनाए गए हैं। ये हाथ उनकी योजनाओं जैसे- कन्याश्री, स्वस्थ सती, रूपाश्री, सबुजसाथी, लक्ष्मीर भंडार व अन्य को दर्शाते हैं। दुर्गा पूजा के आयोजक इनके जरिए ममता बनर्ती सरकार की विभिन्न योजनाओं का प्रचार करना चाहते हैं।

कोलकाता के शहर के उत्तरी हिस्से केष्टोपुर में उन्नयन समिति के दुर्गा पूजा आयोजक ने बताया कि पूरा पंडाल लक्ष्मीर भंडार पर आधारित होगा। लक्ष्मीर भंडार राज्य सरकार द्वारा शुरू की गई एक आय सहायता योजना है। इसके तहत एक घर की महिला मुखिया को प्रति माह 500-1,000 रुपये की सहायता मिलेगी। समिति के एक अधिकारी सुब्रत दास ने कहा कि भवानीपुर 75 पल्ली पूजा समिति ने बनर्जी की लगातार तीसरी बार सत्ता में वापसी का जश्न मनाने के लिए इस साल “घोर मेये” (घर की बेटी) की थीम को अपनाया है। उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी भवानीपुर की “घोर मेये हैं। पिछले दो महीनों में उन्हें भवानीपुर की बेटी बताते हुए कई होर्डिंग यहां लगे हैं।

भाजपा ने जताई नाराजगी बताया हिंदुओं का अपमान

बहरहाल, बंगाल से लेकर देशभर में दीदी के रूप में लोकप्रिय ममता बनर्जी की देवी रूपी प्रतिमाओं के निर्माण पर भाजपा ने कड़ी नाराजगी जताई है। भाजपा के आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने इसका विरोध करते हुए ट्वीट किया, ‘बंगाल में चुनाव बाद की भीषण हिंसा के बाद ममता बनर्जी के हाथों में निर्दोष बंगालियों का खून है। देवी प्रतिमा की यह विरूपता वमनकारी है। यह देवी दुर्गा का अपमान है। ममता बनर्जी को इसे रोकना चाहिए। वह हिंदुओं की भावनाओं को आहत कर रही हैं।

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