छत्तीसगढ़ में बढ़ रहा अपराध का ग्राफ:हत्या और बलात्कार के मामले में बिहार से आगे निकला छत्तीसगढ़, देखिये NCRB की ये रिपोर्ट
रायपुर: प्रदेश में हत्या और बलात्कार के अपराधों में छत्तीसगढ़ मध्यप्रदेश और बिहार से भी आगे निकल गया है। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो ने 2020 में हुए अपराधो को लेकर रिपोर्ट जारी की है। रिपोर्ट में जो बातें छत्तीसगढ़ के लिए निकलकर सामने आई है वह बेहद चौकाने वाली है।
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो की रिपोर्ट बताती है कि बीते साल छत्तीसगढ़ में हत्या और दुष्कर्म के मामले बिहार जैसे राज्य से भी ज्यादा हुए है। रिपोर्ट में जो आंकड़े सामने आए है उनमें क्राइम के मामलों में छत्तीसगढ़ बिहार से भी आगे निकल गया है। हत्या, डकैती और दुष्कर्म की घटनाओं में प्रदेश ने बिहार को भी पीछे छोड़ दिया है।
छत्तीसगढ़ में हत्या के मामले 3.3 फीसदी तो बिहार में 2.6 फीसदी बताए गए हैं, वहीं छत्तीसगढ़ में दुष्कर्म की घटनाएं प्रति 1 लाख की आबादी में 8.3 फीसदी हुई हैं। जबकि बिहार में 1.4, गुजरात मे 1.5, मध्यप्रदेश में 5.8, फीसदी आंकड़े सामने आए हैं।
छत्तीसगढ़ में 2019 में दुष्कर्म के 1036 मामले दर्ज किए गए हैं, जबकि 2020 में 1210 मामले दर्ज हुए हैं, 2 सालों में बिहार में 730 और 806 मामले दर्ज हुए हैं।
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के मुताबिक पिछले साल 2020 के दौरान हर दिन भारत में औसतन 80 लोगों की हत्या की वारदात को अंजाम दिया गया. इस मामले में अगर राज्यों के आंकड़ों पर नजर डालें तो उत्तर प्रदेश टॉप पर रहा, जहां हत्या की वारदातों में साल 2019 की तुलना में साल 2020 में एक फीसदी का इ्जाफा दर्ज किया गया ।
एनसीआरबी (NCRB) ने बुधवार को साल 2020 के अपराधों पर अपनी रिपोर्ट जारी की. राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों के अनुसार भारत में वर्ष 2020 में कुल 29,193 लोगों की मौत हत्या के कारण हुईं. इसी के अनुसार देश में हत्या प्रतिदिन औसतन 80 दर्ज किया गया. उत्तर प्रदेश राज्यों के चार्ट में सबसे ऊपर है. वहां 2019 में की तुलना में एक प्रतिशत का इजाफा हुआ ।
आंकड़ों के अनुसार, राज्यों पर अगर नजर डालें तो साल 2020 में सबसे अधिक 3,779 हत्या के मामले उत्तर प्रदेश में दर्ज किए गए. इसके बाद बिहार में 3150, महाराष्ट्र में 2163, मध्य प्रदेश में 2101 और पश्चिम बंगाल 1,948 मामले दर्ज हुए हैं । हालांकि भारत में अपहरण के मामलों में 2019 की तुलना में 2020 में 19 प्रतिशत से अधिक की कमी आई है. केंद्रीय गृह मंत्रालय के तहत कार्य करने वाले एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार 2019 में अपहरण के 1,05,036 मामले सामने आए थे. जिसके मुकाबले साल 2020 में अपहरण के कुल 84,805 मामले दर्ज किए गए.
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो यानी एनसीआरबी (NCRB) ने बुधवार को पिछले साल यानी 2020 के दौरान हुई अपराधिक घटनाओं का आंकड़ा जारी कर दिया है. राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के मुताबिक 2020 के दौरान हर दिन भारत (India Crime Record) में औसतन 80 लोगों की हत्या की वारदात को अंजाम दिया गया है. सबसे अधिक 3779 हत्या के मामले उत्तर प्रदेश में दर्ज किए गए इसके बाद बिहार में 3150 महाराष्ट्र में 2163 मध्यप्रदेश में 2101 और पश्चिम बंगाल में 1948 मामले दर्ज किए गए हैं ।
जानिए क्या है NCRB
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो की स्थापना टंडन समिति, राष्ट्रीय पुलिस कमीशन (1977-1981) तथा गृह-मंत्रालय के टास्क फोर्स की सिफ़ारिश के आधार पर, अपराध और अपराधियों की सूचना के संग्रह एवं रख-रखाव (Repository) के रूप में कार्य करने हेतु 1986 में की गई थी जिससे कि अपराध को अपराधियों से जोड़ने में सहायता मिल सके।
तदनुसार, वर्ष 2009 में राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो को अपराध एवं अपराधी ट्रैकिंग नेटवर्क एवं सिस्टम (सीसीटीएनएस) परियोजना की मॉनिटरिंग, समन्वय तथा कार्यान्वयन की ज़िम्मेदारी सौंपी गई। देश में यह परियोजना लगभग 15000 पुलिस स्टेशनों तथा देश के 6000 उच्च कार्यालयों को जोड़ती है।
यूरो ने सीसीटीएनएस परियोजना के तहत नेशनल डिजिटल पुलिस पोर्टल को दिनांक 21.08.2017 को आरंभ किया था। यह मास्टर पुलिस पोर्टल है जो नागरिकों के साथ-साथ पुलिस कर्मियों की आवश्यकताओं को भी पूरा करता है। इससे पुलिस कर्मी सीसीटीएनएस डेटाबेस से अपराधी / संदिग्ध की तलाश कर सकते हैं। इसके अलावा क्राइ-मैक, एनडीएसओ, साइ ट्रेन इत्यादि जैसी कई अन्य पुलिस उपयोगी साइटों का उपयोग किया जा सकता है। नागरिकों को ऑनलाइन शिकायत दर्ज करने तथा किरायेदारों, घरेलू नौकर, ड्राइवर आदि के पूर्ववृत्त को सत्यापित करने जैसी विभिन्न सेवायें भी इसी पोर्टल के माध्यम से उपलब्ध हैं। खोये हुये व्यक्तियों की तलाश, पुराने वाहनों की खरीद के अनापत्ति प्रमाण-पत्र तथा घोषित अपराधियों पर सूचना जैसी नई केन्द्रीय नागरिक सेवायें भी इसी पोर्टल से ली जा सकती हैं।
ब्यूरो को यौन अपराधियों के राष्ट्रीय डाटाबेस (एनडीएसओ) की देख-रेख तथा इसे नियमित रूप से राज्यों/संघ प्रदेशों से साझा करने की ज़िम्मेदारी भी सौंपी गई है। ‘ऑनलाइन साइबर अपराध सूचना पोर्टल’ की तकनीकी एवं परिचालन प्रक्रिया की देख-रेख के लिए भी ब्यूरो को नामित किया गया है जिसके माध्यम से कोई भी नागरिक बच्चों से संबन्धित अश्लील बातें, बलात्संग, सामूहिक बलात्संग की शिकायत दर्ज कर सकता है एवं साक्ष्य के तौर पर विडियो क्लिप अपलोड कर सकता है। ब्यूरो ने साइबरक्राइम जांच तथा अभियोजन में विभिन्न हितधारकों के लिए ऑनलाइन प्रशिक्षण पोर्टल साईट्रेन की भी शुरूवात की है।
