दो वर्षों से बंद चल रही सिटी बस की सेवाएं प्रशासनिक पहल नहीं होने से यात्री परेशान
गोविंदा चौहान
दुर्ग/भिलाई : भारत सरकार की करोड़ों की सिटी बस योजना अब सरकार के खाते में है , गांव को शहर से जोड़ने के लिए केंद्र सरकार ने राज्य सरकार के संयुक्त प्रयास से सिटी बस परियोजना बनाई थी। लेकिन कुछ दिनों तक इसका लाभ लोगों को मिला, कोरोना कॉल में सिटी बसों के चक्के थम गए। लेकिन कोविड-19 से उबरने के बाद भी इस योजना का लाभ लोगों को नहीं मिल रहा है। जिसके चलते रोजाना रायपुर जाने वाले लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा हैं। भिलाई दुर्ग यातायात परियोजना के लिए लगभग 37,5 करोड़ रुपए से शहर में 115 सिटी बस शहर में चलाई गई थी थी। जिसमे भिलाई नगर निगम में लगभग 75 सिटी बसें चलाई जा रही थी मार्च 2020 से शहर में सिटी बस संचालन पूरी तरह से बंद हो गया,जो आज तक बंद ही पड़ा है। रायपुर रेलवे स्टेशन, माना एयरपोर्ट, भिलाई एवं दुर्ग के लिए चलाई जा रही ऑरेंज कलर की सिटी बस को शुरू कर देने से काफी लोगों को राहत मिल सकती है।सिटी बस परिवहन के लिए एक एजेंसी ने ठेका लिया था। लेकिन करोड़ रुपए की यह योजना कुल मिलाकर अब ठंडे बस्ते में हैं।
कबाड़ में तब्दील हो गई सिटी बसें
भिलाई नगर निगम के कबाड़ में चंदूलाल बस स्थल को सिटी बस पार्किंग स्थल बनाया गया जहा लगभग 52 सिटी बसें पार्किंग में रखी गई है,सभी सिटी बस पूरी तरह से कबाड़ में तब्दील हो गई इन बसें में एक में भी टायर ट्यूब नहीं है बैटरी गायब है ,जर्जर हालत में इन सिटी बस का संचालन एवं संसाधन की जिम्मेदारी एजेंसी की है परंतु एजेंसी ने संचालन के पूर्व ही हाथ खड़ा कर दिया है परिणाम यह हुआ कि आज सिटी बस बिना सुरक्षा एवं जिम्मेदारी के भिलाई निगम के बाजू में पार्किंग कर रखी गई है यहां लगे सीसीटीवी कैमरे पूरी तरह से बंद है बिना कोई निगरानी के लावारिस हालत में बसे खड़ी है।
मामला राज्य शासन के पाले में
नोडल अधिकारी डीके देवांगन ने सिटी बस संचालन पर कहा कि सिटी बस का मामला राज्य शासन को तय करना है वहीं दूसरी ओर भिलाई दुर्ग अर्बन पब्लिक ट्रांसपोर्ट सोसाइटी का गठन सिटी बस संचालन के लिए किया गया था इस समिति के अध्यक्ष कलेक्टर थे इनको देखरेख एवं निगरानी में इन यातायात परियोजना को अमलीजामा पहनाया गया था परंतु कलेक्टर भी इन मामले में संज्ञान नहीं ले रहे हैं।