धोखाधड़ी और फर्जीवाड़े पर लगाम लगाने के लिए हुई एक नई शुरुआत,30 साल पुरानी रजिस्ट्री के दस्तावेज होंगी ऑनलाइन
दुर्ग: प्रदेश में फर्जी रजिस्ट्री और जमीन धोखाधड़ी जैसे मामलों को पूरी तरह से खत्म करने दुर्ग समेत पूरे जिले के 30 साल तक पुराने रहती दस्तावेजों को स्कैन करना है ऑनलाइन किया जाएगा। जिसकी शुरुआत राजधानी रायपुर और दुर्ग में कर दी गई है। जल्द ही स्कैनिंग प्रदेश के सभी जिलों में की जाएगी।
दुर्ग में 1985 से 2015 तक की रजिस्ट्रीयों को स्कैन कर उपलोड किया जा रहा है।यही काम राज्य के हर जिले में रजिस्ट्री दफ्तर में मौजूद रिकॉर्ड को ऑनलाइन करने के लिए होगा ऐसा इसलिए किया जा रहा है क्योंकि रजिस्ट्री ऑनलाइन होने के बावजूद जिले में जमीन की धोखाधड़ी रुकी नहीं है। पड़ताल में यह बात सामने आयी कि पुरानी रजिस्ट्रीयों में ही ज्यादा धोखाधड़ी के मामले सामने आए है। क्योंकि वह ऑनलाइन नहीं है सर्च रिपोर्ट में भी वह पुरानी रजिस्ट्रीयों की जानकारी नहीं मिल पाती है इस वजह से एक ही जमीन कई लोगों के पास बेच दी जाती है बैंकों में भी फर्जी तरीके से लोन लेने के लिए लोग पुरानी रजिस्ट्री का सहारा ले रहे हैं।बैंकों के पास भी इस तरह की जांच रिपोर्ट पहुंची की पुरानी रजिस्ट्री के दस्तावेज पेश कर लोन लिया गया है। नई रजिस्ट्री के दस्तावेजों से उसी जमीन को किसी दूसरे को बेच दिया गया। इस तरह के सभी फर्जी कामों को रोकने के लिए ही यह तय किया गया है कि 30 साल पुरानी सभी रजिस्ट्रीयों को ऑनलाइन कर दिया जाए। जिससे लोगों को जमीन की सही जानकारी ऑनलाइन ही उपलब्ध हो जाएगी।
रजिस्ट्री के हजारों दस्तावेज गुम स्कैनिंग में हो रही दिक्कत
स्कैनिंग के दौरान पता चला कि रजिस्ट्री के हजारों दस्तावेज गुम हो चुके हैं जिन्हें स्कैन करना बहुत मुश्किल हो गया है। ऐसी रजिस्ट्री के वह पेज स्कैन किए जा रहे हैं। ताकि उस रजिस्ट्री से संबंधित सभी जानकारी अस्थाई तौर पर सुरक्षित हो जाए। संबंधित अधिकारियों का कहना की एक बार दस्तावेज ऑनलाइन होने के बाद यह पूरी तरह से सुरक्षित हो जाएंगे इसके अलावा भविष्य में नामांतरण, बटांकन समेत कई काम ऑनलाइन करने के लिए रजिस्ट्रीया ऑनलाइन मिल जाएंगी। जिससे काम आसानी से हो सकेगा।
ऑनलाइन स्कैनिंग के बाद होंगे ये फायदे
• जमीन धोखाधड़ी के मामले हो जाएंगे कम, एक ही जमीन कई लोगों को नहीं बेच सकेंगे दलाल
• फर्जी रजिस्ट्री से बैंकों से लोन नहीं मिलेगा।उनकी सर्च रिपोर्ट आसानी से मिल जाएगी।
• रजिस्ट्रीयाँ ऑनलाइन होने के बाद उनके बटांकन और नामांतरण भी आसानी से हो सकेंगे।
• 30 सालों पुरानी रजिस्ट्रीयाँ भी लोग घर बैठे आसानी से हासिल कर सकेंगे, जिसके लिए अभी महीनों लग जाते हैं।
• पुरानी रजिस्ट्रीयों को सड़ने और खराब होने से भी रोका जा सकेगा रिकॉर्ड परमानेंट रहेगा।