भिलाई नगरीय निकाय चुनाव 2021:कांग्रेस-भाजपा का चुनावी समीकरण बिगाड़ रहे निर्दलीय प्रत्याशी,कई वार्डो में बड़े उलट फ़ेर की संभावना

रविकांत मिश्रा:-भिलाई: जिले के निकाय का चुनाव पूरे शीर्ष पर है चुनावी वातावरण में गर्माहट आ चुकी है कांग्रेस भाजपा के साथ-साथ निर्दलीय प्रत्याशी भी पूरी ताकत के साथ जुट गए है। और दोनों ही बड़ी पार्टियों का चुनावी गणित निर्दलीय प्रत्याशी बिगाड़ ने में लगे हुए है।

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बता दें कि भिलाई निगम चरोदा निगम रिसाली निगम तथा जामुल पालिका के चुनाव को लेकर चुनावी वातावरण बनना शुरू हो चुका है प्रत्याशी जनसंपर्क में अपनी पूरी ताकत लगा रहे हैं। प्रत्यासियों द्वारा ज्यादा से ज्यादा घरों और मतदाताओं तक पहुंचने की होड़ लगी है।वही निर्दलीय प्रत्याशी भी कही कम नजर नहीं आ रहे निर्दलीय प्रत्याशियों द्वारा जिस तरह का वातावरण तैयार करना शुरू किया जा रहा है। उससे कई वार्डो में बड़ी उलट फ़ेर की संभावना भी बनती जा रही है। अगर बात करें वार्ड 23 घासीदास नगर की तो यहां से बीजेपी से बागी हुई गायत्री यादव ने पार्टी से टिकट नहीं मिलने पर निर्दलीय चुनाव लड़ने का एलान करते हुए चुनाव प्रचार प्रसार में अपनी पूरी ताकत झोक दी है। यहां दोनों हो पार्टियों का चुनावी गणित उलझ कर रह गया है, गायत्री यादव के निर्दलीय चुनाव लड़ने से वार्ड में बीजेपी को बड़ा झटका लगने का अनुमान लगाया जा रहा है। गायत्री यादव अपनी लोकप्रियता और सरल सवभाव की वजह से वार्ड में काफी चर्चित चेहरे के रूप में जानी जाती है। इनकी वार्ड में बहूत मजबूत पकड़ है। जिसका फायदा चुनाव में मिलने की काफी संभावना है। वही वार्ड 31 मदर टैरेसा नगर से कांग्रेस पार्टी से टिकट नहीं मिलने से खफ़ा पार्टी की युवा महिला नेत्री गायत्री देवांगन ने भी पार्टी से बगावत कर निर्दलीय चुनाव लड़ने का एलान कर दिया है। आपको बता दे की गायत्री देवांगन वार्ड 31 से बहूत मज़बूत प्रत्यासी के रूप में देखी जा रही है। गायत्री देवांगन की वार्ड में महिलाओं और बुजुर्गो के बीच बहूत लोकप्रिय है। वार्ड में कांग्रेस का पुरा चुनावी समीकरण बिगड़ने और बड़ी उलट फ़ेर होने की संभावना बन रही है।

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पार्टियों द्वारा निर्दलीयों को अभी भी साधने की कोशिश

टिकट वितरण से लेकर नाम वापसी तक पार्टी के विरुद्ध जाकर पर्चा दाखिला करने वालो पर दोनों ही पार्टियों ने नजर रखा हुआ था। नाम वापसी तक इन्हे मानाने का भरपूर प्रयास किया गया। पार्टी ने हर निर्दलीय को लेकर समीक्षा की। यह पता लगाया की किस निर्दलीय के चुनाव लड़ने से पार्टी को फायदा और किससे नुकसान हो सकता है। जो नुकसान पहुंचाने के स्थित मे है उन्हें अब साधने की कोशिश की जा रही है। यह प्रयास भी पार्टियों द्वारा किया जा रहा है की निर्दलीय प्रत्याशी मान जाये और अपने लिए वोट ना मांगकर पार्टी के लिए वोट मांगे।

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