भिलाई: शराब भट्टी हटाने का श्रेय लेने की होड़ में छीड़ा सियासी संग्राम: महिलाओं की मांग पर विधायक ने शराब दुकान कराई शिफ्ट तो दया सिंह ने कहा पूरी तरह से हटेगी दुकान


भिलाई: नगर निगम का लक्ष्मी नरायण वार्ड 44 इस समय कांग्रेस और भाजपा के लिए चुनौती बन चुका है। वार्ड में जहा एक तरफ कांग्रेस पट्टा वितरित कर लोगों को लुभाने का प्रयास कर रही है। तो वही भाजपा प्रत्याशी दया सिंह ने वार्ड वासियों से खुलकर कहा है की वो उनके लिए तन मन धन से तैयार है। और उनके द्वारा ऐसा किया भी जा रहा है। अब वार्ड में महिलाओं को लुभाने के लिए शराब भट्टी हटाने को लेकर सियासत खूब जोरों पर है। महिलाओं ने 1 महीने पहले शराब भट्टी हटाने की मांग देवेंद्र यादव से की थी लेकिन जब फरियाद नहीं सुनी गई तो दया सिंह ने रविवार को ऐलान किया कि अगर उनकी जीत हुई तो शराब भट्टी हटा दी जाएगी।



इसके कुछ घंटों बाद ही विधायक देवेंद्र यादव ने भट्ठी को हटवा दिया अब दया सिंह और देवेंद्र में इसकी क्रेडिट लेने की होड़ मच गई है।दया सिंह अपने फेसबुक पोस्ट में जिला प्रशासन का धन्यवाद कर रहे है,तो वही विधायक देवेंद्र यादव पट्टा देने और लोगों की जन समस्या दूर करने का दावा कर रहे है।


लक्ष्मी नगर वार्ड 44 के निवासियों की माने तो वार्ड में सरकारी शराब भट्टी से लोग खासे परेशान थे।महिलाओं ने इसे हटाने के लिए विरोध भी किया था इसके बाद उन्होंने 1 महीने पहले खुर्सीपार क्षेत्र से शराब भट्टी को अन्यत्र खोले जाने की मांग विधायक देवेंद्र यादव से की थी इसके 1 महीने बाद चुनावी रंग देने के लिए शराब भट्टी को हटाकर दूसरी जगह शिफ्ट किया गया। निगम प्रशासन की टीम ने क्रेन से भट्ठी को उठाकर दूसरी जगह शिफ्ट किया है। भले ही ये दलों की राजनीतिक करवाई हो लेकिन वार्ड की महिलाओं में इस बात को लेकर ख़ुशी का माहौल है। महिलाओ का कहना की चाहे दया सिंह के कहने पर भट्ठी हटी हो या देवेंद्र के निर्देश पर। उनकी सालों की समस्या का अंत और समाधान हो गया है। महिलाओं ने आगे कहा की भले ही ये संभव नहीं है लेकिन चुनाव हर साल चुनाव होना चाहिए इससे राजनेता हमेशा नतमस्तक रहेंगे और जनता राज कर सकेगी जीतने और हारने के डर से जनता की हार मांग को सुना जाएगा गरीबों को भोजन के लिए भीख मांगने और काम करने की जरूरत नहीं पड़ेगी हर दिन उन्हें अच्छे-अच्छे पकवान खाने को मिलेंगे क्योंकि जो नेता आज जनता के सामने हाथ जोड़े खड़े है। वोट के लिए पैर तक पकड़ रहे है,वह चुनाव के बाद मिलने तक का समय नहीं निकाल पाएंगे।


