सत्ताधारी दल के दबाव में काम कर रही छावनी पुलिस?सत्ताधारी दल के इशारे पर बीजेपी कार्यकर्ताओं को परेशान करने छावनी पुलिस डाल रही कार्यकर्ताओं के घर छापे: पियूष मिश्रा

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भिलाई नगर नगरी निकाय चुनाव में पुलिस प्रशासन द्वारा भाजपा कार्यकर्ताओं पर दबाव बनाने और उनके घरों में जबरदस्ती छापे मरने का आरोप लगाते हुए भाजपा नेता व वार्ड 38 से पार्षद प्रत्याशी पियूष मिश्रा ने विरोध किया है। उन्होंने पत्रकारों से चर्चा कर बताया की मेरे द्वारा दो दिन पहले ही नगर पालिका निगम भिलाई चुनाव में कोंग्रेसी नेताओं द्वारा भाजपा कार्यकर्ताओं और सहयोगियों को डराने-धमकाने तथा चुनावी कार्यक्रम में बाधा उत्पन्न करने की शिकायत की गई थी। लेकिन अब वार्ड में बीजेपी के कार्यकर्ताओं और सहयोगियों के घरों में पुलिस के द्वारा सूर्यास्त के बाद बिना किसी आधार और बिना महिला पुलिस के घरों में घुसकर जांच के नाम पर डराया धमकाया जा रहा है। उन्होंने बताया की 16 दिसंबर को वार्ड 38 सोनिया गांधी नगर में पुलिस द्वारा भारतीय जनता पार्टी के 8 से 10 कार्यकर्ताओं एवं सहयोगियों के घर में सूर्यास्त के बाद महिला पुलिस की गैर मौजूदगी में बिना सर्च वारंट के बलपूर्वक प्रवेश किया गया और पुरुष पुलिसकर्मीओं द्वारा घर की महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार और गाली गलौज जैसे कृत्य भी किये गए।

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पुलिस का ऐसा आचरण घोर आपत्तिजनक है। सूर्यास्त के पश्चात महिलाओं की उपस्थिति वाले निवास स्थल में बगैर वारंट और बगैर महिला पुलिस के घर में प्रवेश करना सुप्रीम कोर्ट और मानव अधिकार द्वारा घोषित गाइडलाइन के विरुद्ध है।

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छत्तीसगढ़ राज्य में 21वर्षों से लगातार भिलाई में नगरीय निकाय के चुनाव शांतिपूर्ण तरीके से होते चले आए हैं, जिसमे किसी भी प्रकार का पुलिस प्रशासन द्वारा इस प्रकार आतंक और भय फेलाने का आचरण नहीं रहा है, परंतु पहली बार भिलाई नगर निगम के नगरी निकाय चुनाव में पुलिस प्रशासन द्वारा सत्ता के हाथों की कठपुतली बनकर भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं और पार्टी के सहयोगियों के परिवारों को डराया-धमकाया जा रहा है। जो कि पुलिस की कार्यशैली और भूमिका पर एक बड़ा प्रश्न चिन्ह खड़ा करता है।

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पियूष मिश्रा ने आगे बताते हुए कहा की जिन बीजेपी कार्यकर्ताओं के घर पुलिस द्वारा छापे की कार्यवाही की गई है उस घर के किसी भी सदस्य के खिलाफ पूर्व में किसी भी तरह का कोई FIR दर्ज नहीं है और ना ही उनको खिलाफ कोई आपराधिक रिकॉर्ड है। लोकतांत्रिक प्रणाली में चुनाव हमेशा स्वास्थ्य माहौल में और निष्पक्षता से संपन्न कराए गए हैं परंतु मुख्यमंत्री और गृह मंत्री का स्थानीय जिला होने के कारण वर्तमान में पुलिस द्वारा बीजेपी कार्यकर्ताओं के साथ दुर्व्यवहार पूरी तरह से सत्ताधारी दल के एजेंट के रूप में देखने को मिल रहा है? सत्ताधारी कांग्रेस पार्टी के विधायक मंत्री और मुख्यमंत्री पुलिस को अपनी राजनीतिक हथियार के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं।

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इस तरह कार्यशैली से भिलाई में व्यापक जनाक्रोश उत्पन्न हो रहा है,चुनाव में पुलिस और अधिकारी सत्ताधारी दल के विधायक और मंत्री के निर्देशों की बजाय चुनाव आयोग के निर्देशों के अनुरूप कार्य करें क्योंकि चुनाव में आचार संहिता के दौरान पुलिस निर्वाचन आयोग के निर्देश पर कार्य करती है।

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