दुर्ग में जमाखोरी का हो रहा बड़ा कारोबार,लॉकडाउन की अफवाह फैलाकर आपदा को अवसर बनाने की तैयारी…..
दुर्ग: कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच लॉकडाउन की अफवाह फिजाओं में तैर रही है। इसी के साथ खाद्य सामग्रियों की जमकर जमाखोरी भी शुरू हो गई है। रोजमर्रा की दिनचर्या में इस्तेमाल होने वाले सामानों के दाम बढ़ गए हैं। आटा के दाम में प्रति किलो 5 से 10 की बढ़ोतरी हो गई है। आटा के साथ ही दाल सरसों रिफाइंड तेल की भी हालत इसी तरह के हैं अन्य ग्रासरी आइटम के दामों में बढ़ोतरी कर दी गई है। बड़े दुकानदारों द्वारा छोटे दुकानदारों से आडर लेना बंद कर दिया गया है। इससे छोटी दुकानें खाली हो गई है।इसका सीधा असर जनता पर पड़ रहा है। चिल्लर दुकानदारों का कहना है कि ऊपर से ही उन्हें सामान महंगा मिला है,जिसके कारण उन्हें रेट बढ़ाना पड़ रहा है। तेल के प्रतिभा उसके दाम कुछ दिन पहले तक थोक में 124 थे अब वह बढ़कर 130 से 135 पाउच हो चुका है कुछ उपभोक्ता ऐसे भी हैं जो यह सोच रहे हैं कि lock-down नजदीक है इसलिए वह जरूरत से अधिक सामान खरीद कर घर में जमा कर लेना चाहते हैं। बाजार में पैनिक खरीदारी हो रही है। गुटखा तंबाकू के दामों में भी बेतहाशा बढ़ोतरी कर दी गई है जो गुटखा पहले 5 रूपये प्रति पाउच मिलता था वर्तमान में वह 20 रूपये 3 पाउच के दर से बेचा जा रहा है।
छोटे दुकानदारों के पास खाद्य सामग्री का स्टॉक खत्म हो चुका है। उनका कहना है कि होलसेलर द्वारा उन्हें खाद्य सामग्री दिया ही नहीं जा रहा आडर देने पर भी इसकी आपूर्ति नहीं की जा रही। शहर के कुछ छोटे दुकानदारों का कहना है कि बड़े थोकविक्रेताओं ने जानबूझकर खाद्य सामग्री का स्टॉक कर लिया है ताकि बाजार मे खाद्य सामग्रियों की किल्लत बनाकर वह मुनाफा बना सकें। कुल मिलाकर आपदा को अवसर बनाने में लगे हुए हैं।
चिल्लर विक्रेताओं के पास ऐसे पहुंचता है सामान
गली मोहल्लों में चलने वाले छोटे बड़े दुकानदारों के पास बड़े होलसेलर्स के सेल्समैन सप्ताह में 1 दिन आर्डर लेने जाते हैं। इस दौरान वह पुराने बकाया की वसूली भी करते हैं इस तरह मांग के आधार पर सप्लाई का कारोबार चलता रहता है। वर्तमान समय में सेल्समैन छोटे दुकानदारों से ऑर्डर नहीं ले रहे हैं। वह कह रहे है की तेल आटा जैसे सामग्रियों का स्टॉक मार्केट में समाप्त हो चुका है। चिल्लर दुकानदारों के समकक्ष अब यह समस्या है कि वह सामान लाए कहां से उपभोक्ता उनसे लगातार सामग्रियों की मांग कर रहा है। जबकि बड़े होलसेलर्स ने माल देना बंद कर दिया है दाम भी बढ़ा दिए गए हैं। इसका असर मार्केट पर साफ तौर पर दिख रहा है।