दुर्ग: बिना सुरक्षा उपकारणों के खंभों मे खींच रहे तार,विद्युत ठेकेदार द्वारा मजदूरों की जान से किया जा रहा खिलवाड़
दुर्ग: सरकारी योजनाओं में संवेदक द्वारा सुरक्षा नियमों को किस कदर नजरअंदाज कर काम कराया जा रहा है, इसका उदाहरण दुर्ग ग्रामीण क्षेत्र के छातागढ़ से मौली माता जाने वाली नवनिर्माणाधीन मार्ग पर देखा जा सकता है। जहां विद्युत ठेकेदार द्वारा मजदूरों के जान से खिलवाड़ कर बिना सुरक्षा उपकरणों के विद्युत खंभों में तार खींचने का काम करवाया जा रहा है। छतागढ़ से मौलीमाता जानेवाली मार्ग कों चौड़ीकरण करने का कार्य किया जा रहा है, जिसकी वजह से बिजली के खंभों को भी शिफ्ट किया गया है। शिफ्टिंग के बाद खंभों पर मजदूरों द्वारा खंभों पर तार खींचने का काम ठेकेदार द्वारा कराया जा रहा है। जिसमे मज़दूरों 25 से 30 फिट की ऊचाई पर काम करें थे,जिसमे ना उनके पास सेफ्टी बेल्ट थी ना ही हेंडग्लप्स थे। बातचीत में मजदूरों ने बताया कि पेट की भूख मिटाने और परिवार पालने के लिए जान हथेली पर लेकर खतरों से खेलना पड़ता है। बिजली सुधार अथवा खंभों में वायरिंग का काम करने वाले मजदूरों के बाद सुरक्षा के लिहाज से वर्दी, दस्ताने, सेफ्टी बेल्ट, सीढ़ी, हेलमेट, अर्थचेन लाइन टेस्टर्र सही हालात में काम करते समय लाइन मेन कों विभाग द्वारा दिए जाते है। लेकिन वर्तमान समय में इसमें से गिने चुने ही सामान लाइन मैन के पास देखने कों मिलते है।
ठेकेा श्रमिक कों नहीं है पोल पर चढ़ने का अधिकार
बिजली के नियमों अनुसार ठेकेदार के लेबरों को बिजली पोल पर चढ़ने का अधिकार नहीं है।चाहे लाइन बंद हो या चालू उसे केवल लाइनमैन के सहयोगी के रूप में रखा जाता है इसके बावजूद कई बार थोड़े लालच या फिर लाइनमैन से अच्छे संबंध के चलते मजदूरों लाइन सुधार कार्य के लिए पोल पर चढ़ जाते हैं।
ठेकेदार कों सुरक्षा उपकरण उपलब्ध करना चाहिए। अगर कोई अप्रिय घटना घटित होती है तो सम्बन्धित ठेकेदार की जिम्मेदारी होंगी,विभाग द्वारा सम्बंधित ठेकेदार को नोटिस जारी किया जाएगा।
श्रीकांत गोरैया सहायक अभियंता दुर्ग ग्रामीण