ख़तरे की घंटी: 3 महीने में पहली बार भारत में कोरोना वायरस की r-value एक से हुई अधिक, जाने क्या है राज्यों का हाल

भिलाई: चेन्नई के इंस्टीट्यूट ऑफ मैथमेटिकल साइंसेस के शोधकर्ता सीताभरा सिन्हा ने कहा है कि कोविड भारत के प्रभावी रीप्रोडक्शन नंबर R जनवरी के बाद से पहली बार 1 से अधिक हो गया है।

सिन्हा के अनुसार पिछले कुछ सप्ताहों से देश की आर वैल्यू में लगातार तेजी आई है। 12 से 18 अप्रैल के बीच यह 1.07 थी। वहीं, पांच से 11 अप्रैल के बीच यह 0.93 थी।

सिन्हा ने कहा कि पिछली बार आर वैल्यू एक से अधिक 16 से 22 जनवरी के बीच के सप्ताह में दर्ज की गई थी। तब यह वैल्यू 1.28 थी। कोरोना वायरस महामारी की शुरुआत से ही आर वैल्यू पर नजर रख रहे सिताभरा सिन्हा ने आगे कहा कि आर वैल्यू में यह इजाफा केवल नई दिल्ली की वजह से नहीं है। इसके लिए उत्तर प्रदेश और हरियाणा जैसे राज्य भी जिम्मेदार हैं।
एक से 10 जनवरी के बीच तीन के पास पहुंच गई थी आर वैल्यू
इस साल देश में आर वैल्यू सबसे अधिक एक से 10 जनवरी के बीच थी। तब देश कोरोना के ओमिक्रॉन वैरिएंट की वजह से आई महामारी की तीसरी लहर का सामना कर रहा था और आर वैल्यू 2.98 हो गई थी।

उत्तर प्रदेश और दिल्ली में इस समय आर वैल्यू दो से भी ऊपर
सिन्हा ने कहा कि मुंबई, बेंगलुरु और चेन्नई में आर वैल्यू एक से अधिक है। दिल्ली, उत्तर प्रदेश में तो यह दो से भी ऊपर है। कोलकाता को लेकर उन्होंने डाटा उपलब्ध न होने की बात कही। 18 अप्रैल को समाप्त हुए सप्ताह में दिल्ली में अनुमानित आर वैल्यू 2.12, यूपी में 2.12, कर्नाटक में 1.04, हरियाणा में 1.70, मुंबई में 1.18, चेन्नई में 1.18 और बेंगलुरु में 1.04 रही।

केरल और महाराष्ट्र में आर वैल्यू एक से कम बनी हुई है
केरल और महाराष्ट्र में आर वैल्यू एक से कम है। केरल में यह संख्या 0.72 और कर्नाटक में 0.88 है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से बुधवार को जारी आंकड़ों के अनुसार देश में एक दिन में कोरोना के 2067 नए मामले मिले हैं, जिसके बाद कुल मामलों की संख्या 4.3 करोड़ से अधिक हो गई है। इसके अलावा देश में सक्रिय मामलों की संख्या अब 12,340 हो गई है।

आईसीएमआर के पूर्व मुख्य वैज्ञानिक बोले, ये चौथी लहर नहीं
उधर, आईसीएमआर (भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद) के पूर्व मुख्य वैज्ञानिक सिन्हा के अनुसार पिछले कुछ सप्ताहों से देश की आर वैल्यू में लगातार तेजी आई है। 12 से 18 अप्रैल के बीच यह 1.07 थी। वहीं, पांच से 11 अप्रैल के बीच यह 0.93 थी।


मास्क लगाने से बिलकुल ना करे परहेज, स्कूलों को बंद करना ठीक नहीं

डॉ. गंगाखेड़कर ने कहा कि अभी तक कोरोना का कोई नया वैरिएंट सामने नहीं आया है। जिन लोगों की आयु अधिक है, जिन्होंने टीका नहीं लगवाया है, जो संक्रमित हो चुके हैं, उन्हें यह ध्यान रखने की जरूरत है कि वह सार्वजनिक स्थानों पर जाते समय मास्क जरूर पहनें।
वहीं, स्कूलों को फिर से बंद करने के सवाल पर डॉ. गंगाखेड़कर ने कहा कि हमें यह कदम नहीं उठाना चाहिए। इससे छात्रों की शिक्षा के साथ पूरे विकास पर असर पड़ेगा। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि 12 वर्ष से अधिक आयु के ऐसे छात्रों को जिनका प्रतिरक्षा तंत्र कमजोर है, उन्हें जल्द से जल्द टीके की खुराक लगवानी चाहिए। इससे वह संक्रमण से सुरक्षित रहेंगे।

जानिए क्या होती है आर वैल्यू और इसका मतलब

एक संक्रमित व्यक्ति औसतन कितने लोगों को संक्रमित कर रहा है, इसी के आधार पर आर वैल्यू तय की जाती है। इसी से वायरस के प्रसार की गति का भी पता लगाया जाता है। विशेषज्ञों के अनुसार आर वैल्यू का बढ़ना एक बड़े खतरे की ओर इशारा कर रहा है। किसी स्थान पर आर वैल्यू एक से कम होने का मतलब है कि वायरस के फैलने की गति वहां पर धीमी हो गई है।

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