सेहत से खिलवाड़: फल महंगे, जूस सस्ता, मिलावट जांचने वाला कोई नहीं, धड़ल्ले से मिलावटी जूस और गन्ना रस का शहर मे हो रहा कारोबार
दुर्ग/भिलाई: फलों के दाम आसमान पर इसके बावजूद शहर में इनसे बना जूस सस्ते में मिल रहा है। बता दे की जूस के नाम पर केमिकल युक्त जूस शहर मे पिलाया जा रहा है। शहर में खुलेआम सेहत से खिलवाड़ होने के बावजूद जिम्मेदारों का ध्यान नहीं है खाद्य विभाग ने अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की है। इससे बाजार में आसानी से 15 से 20 रु तक में फलों के जूस के नाम पर एसेंस बिक रहा है।
तेज गर्मी होने के कारण बाजार या प्रमुख मार्ग पर हर जगह जूस की दुकानें नजर आ जाएगी। दोपहर से लेकर देर रात तक दुकानों पर भीड़ उमड़ रही है। यह सस्ता जूस लोगों की सेहत बिगाड़ रहा है। बता दे की दुर्ग कोर्ट रोड से लेकर पीडब्लूड़ी कार्यालय के सामने, जिला अस्पताल,सुपेला चौक,नंदनी रोड सीएसपी कार्यालय के सामने सहित विभिन्न चौक चौराहो और मार्ग पर जूस मिल्क शेक शरबत, गन्ना रस आदि की कई दुकानें उपलब्ध है। लगभग सभी दुकानों में एसेंस और कलर वाला ही जूस बिक रहा है। और लोग बिना इसके नुकसान को जाने इस खतरनाक जूस पी रहे हैं। इससे सावधान होने की जरूरत है।
ऐसे समझिए मिलावटी जूस का गणित
बाजार में 20-20 में एसेंस कलर की 5 से 10 ग्राम की सीसी आती है। यह मैंगो,ऑरेंज पाइनएप्पल, केवड़ा सभी फ्लेवर में उपलब्ध है। ऐसे कलर की 1 सीसी से 20 लीटर तक सरबत जूस तैयार हो सकता है। अब वर्तमान में 160 से 200 रु किलो तक बिक रहे 1 किलो आम से पांच गिलास जूस बन सकता है। वही मौसमी 60 से 80 किलो है। 1 किलो में तीन गिलास जूस बनता है वह भी अच्छी किस्म का हो तब।
एसेंस और कलर के मिलावट के कारण शहर मे मिल रहा सस्ता जूस
एसेंस व कलर से बनने वालए जूस की क़ीमत 5-7 रु प्रति गिलास पडती है। इसे दुकानदार 10 रूपये मे एक गिलास बेचकर भी लाभ कमा रहे है। कलर और एसेंस के खेल मे शहर मे हर तरफ सस्ता मिलावटी जूस बेचीं जा रही है।
किडनी लीवर को हो सकता है नुकसान
डॉक्टरों के अनुसार एसेंस व कलर से बना जूस नियमित सेवन करने से किडनी और लीवर को नुकसान पहुंचाता है। अन्य जानलेवा बीमारी भी होती है। बावजूद प्रशासन ध्यान नहीं दे रहा है।