दुर्ग जिले मे चारों तरफ फैला अवैध बिल्डरों का जाल,जिला प्रशासन की मौन स्वीकृति से बढ़ा बिल्डरों का मनोबल

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रविकांत मिश्रा
दुर्ग:ख़बरें छत्तीसगढ़
:मुख्यमंत्री व गृहमंत्री के गृह जिले में अवैध बिल्डरों का जाल बड़ी तेज़ी से लगातार फैलता ही जा रहा है। किंतु जिला प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारी इस मामले को लेकर बिल्कुल धृतराष्ट्र बने हुए हैं।

जब भी कोई समाचार के माध्यम से ऐसे बिल्डरों का मामला सामने आता है तो संबंधित विभाग द्वारा दिखावे के लिए अवैध कालोनियों में बुलडोजर चलाते हुए फोटो खींचकर प्रेस विज्ञप्ति जारी कर यह बताने की कोशिश की जाती है कि प्रशासन सख्त है किंतु अगर जमीनी हकीकत की बात करें तो 2 मिनट की कार्रवाई कर प्रशासन फोटो बाजी कर वापस आ जाता है और दस्तावेजों में वाह वाही लूट कर आम जनता को यह बताने की कोशिश करता है कि प्रशासन सख्त है । किंतु अगर जमीनी हकीकत देखा जाए तो ना तो अवैध बिल्डरों पर कोई कार्यवाही हो रही है और ना ही इनके अवैध कालोनियों कोई रोक लग रही है आज अवैध बिल्डर किसानों से आम मुख्तियार के रूप में अपने आप को प्रदर्शित कर जमीन खरीद रहे हैं और अवैध कालोनियों का निर्माण किया जा रहा है दुर्ग बाईपास के दोनों तरफ ऐसे अवैध कालोनियों का जाल बिछा हुआ है ऐसे ही है कि अवैध कॉलोनी बघेरा मोहल्ले के पास का है जहां स्थानीय ग्रामीण देवांगन परिवार के लोगों की जमीन को खरीद कर दुर्ग शहर का एक बड़ा कॉलोनी नाइजर चलाने वाला अवैध बिल्डर अपने शानदार ऑफिस में ग्राहकों को बड़े-बड़े वादे कर अवैध कॉलोनी में छोटे-छोटे प्लॉट काटकर लगातार विग्रह कर रहा है कई अवैध बिल्डर तो 1015 सिक्योरिटी गार्ड लेकर शहर में ऐसे घूमते हैं जैसे हर समय उनकी जान को खतरा रहे यह शायद उनकी मंशा यह रहती है कि ग्राहकों पर जमीन लेने वालों पर अच्छा प्रभाव पड़े कम उम्र के लड़के लड़कियों को मार्केटिंग में उतार कर अवैध प्लाटिंग का कार्य करने वाले ऐसे बिल्डरों पर आखिर जिला प्रशासन कार्यवाही क्यों नहीं कर रही है।

बात करें अगर बघेरा मोहलई रोड पर स्थित बाईपास रोड के समीप अवैध कॉलोनी की जोकि देवांगन परिवार से अलग-अलग नामों से आम मुखिया लेकर खुलेआम एक बड़ी कॉलोनी का निर्माण किया जा रहा है जिसके कारण जिला प्रशासन को राजस्व को भारी नुकसान हो रहा है वहीं इस मामले पर टाउन एंड कंट्री प्लान के अधिकारी भी मौन रहते हैं प्राप्त जानकारी के अनुसार क्षेत्र के पटवारी भी इस बात को जानते और समझते हैं कि ग्रीनलैंड की भूमि को प्लॉट के रूप में रजिस्ट्री करा रहे हैं और दस्तावेज तैयार करके दे रहे हैं नीचे से ऊपर तक सभी विभागीय अधिकारी सब कुछ देखते हुए मौन रहते हैं चर्चा ऐसी भी है कि विभाग के संबंधित अधिकारियों पर ऐसे अवैध बिल्डर लगातार मेहरबान रहते हैं और मेहरबानी स्वरूप बड़े-बड़े तोहफे पहुंचाए जाते हैं।

आश्चर्य की बात तो यह है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जो प्रदेश में सुशासन की बात कर रहे हैं उसी प्रदेश के मुखिया के गृह जिले में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के गृह निवास से 12 किलोमीटर दूर धमधा बाईपास के दोनों तरफ अवैध कार्यों का कालोनियों का खुलकर निर्माण हो रहा है चर्चा यहां तक भी है कि ऐसे अवैध बिल्डर स्थानीय नेताओं के करीबी होने का दिखावा करते हुए बड़े-बड़े पोस्टर बड़े-बड़े विज्ञापन देखकर बड़े बड़े अखबारों को खुश करने की कोशिश करते हैं वहीं कई बिल्डर फर्जी पत्रकारों को छोटी मोटी रकम देकर शांत करते हैं अवैध कॉलोनी का निर्माण करने वाले अवैध बिल्डर आज मोटी कमाई कर शासन के राजस्व को नुकसान कर ही रहे हैं साथ ही जिला प्रशासन के संबंधित अधिकारी खुलेआम अपरोक्ष रूप से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के सुशासन को चैलेंज करते हुए ऐसे अवैध कॉलोनी नाइजरो पर कार्यवाही ना कर यह दर्शा रहे हैं कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सुशासन की योजना और बातें खोखली हैं जबकि जमीनी हकीकत कुछ और है।

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