आलेख:आत्मनिर्भर बनें जीवन में हमेशा आगे बढ़े- लक्ष्मी रजक

छत्तीसगढ के एक छोटे से नवागांव कला खैरागढ़ में रहने वाली 24 साल कि लक्ष्मी रजक हमारे देश के सभी युवा पीढ़ी का सपोर्ट चाहती है ।आखिर कब तक हमारे देश कि जनता हर एक छोटे-छोटे कार्यों के लिए सरकार के ऊपर आश्रित रहेंगे एक कदम में आगे बढ़ती हूं।एक कदम आप सब भी आगे बढ़े सोच बदले ।हमारे भारत देश को आजाद हुए 70 वर्ष हो गए हैं , लेकिन आज भी लोग मंदिर मस्जिद के नाम पर आपस में लड़ते रहते हैं। लेकिन देश कि जनता देश के आने वाले पीढ़ी के लिए भेदभाव का ज्ञान देते रहते हैं ।हम हिन्दू हैं तो हम मुस्लिम है ।यदि यही बातें हमेशा होता रहेगा तो हम सबके बीच भाईचारा स्नेह प्रेम कहां से बन पाएगा ।हम सबको सभी धर्म को अपनाना होगा ,सभी धर्मों का आदर सम्मान करना होगा। हमारा सर्वप्रथम कर्तव्य है। देश के विकास कार्यों को लेकर बदलाव तो बहुत हुआ है, लेकिन आज भी हमारे देश में बुलेट ट्रेन लाते लाते , रेल्वे खत्म। रोजगार लाते लाते,नौकरियां खत्म।बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ,बेटी बचाओ ,बेटी बचाओ कहते कहते बेटियां ही खत्म हो रही है। मंहगाई दूर करते करते महंगाई आसमान छू रही है ।सबका साथ सबका विकास करते करते देश में भाईचारा खत्म हो रहा है। स्वास्थ्य बीमा देते देते,जीवन बीमा खत्म। और नई शिक्षा नीति लाकर शिक्षा का उद्देश्य ही खत्म हो रहा है।
जिस वजह से चलान कर रहे हो वो वजह ही खत्म कर दो न सरकार ।किसी के पास हेलमेट नहीं है, तो हेलमेट का पैसा लेकर हेलमेट दे दो ताकि दोबारा गलती न करें।और एक्सीडेंट होने पर भी एक खरोंच भी न आए किसी को डाइविंग लाइसेंस नहीं है ,तो तत्काल वही मौके पर उनका लाइसेंस बनाओं, हमारे देश के स्वच्छता अभियान में भारत सरकार ही क्यूं हम सबका कर्तव्य होता है ।हम सबसे पहले अपना कदम आगे बढ़ाए।लोग भी सुधरेंगे देश ,भी सुधरेगा। सरकारी कार्यालयों के कार्यों में भष्टाचार भी खत्म होगा: लक्ष्मी रजक

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