स्कूलों का नया सत्र शरू:6 से 8 हजार मे आ रहा किताबों का सेट,लूट रहे अभिभावक,चुप है प्रशासन

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रवि मिश्रा
दुर्ग: स्कूलों का नया सत्र शुरू होते ही अभिभावको की परेशानिया बढ़ गई है। एक दो माह के फीस के साथ साथ स्कूलों मे डेवलपमेंट फीस के नाम पर मोटी रकम भरनी है तो वही कॉपी किताब भी खरीदना है।कॉपी-किताब का सेट इतना महगा है की उसे खरीदने मे अभिभावको के पसीने छूट रहे है।बता दे की कई स्कूलों मे तो पहली से लेकर आठवीं कक्षा की किताबों का सेट 6 से 8 हजार रूपये का पड़ रहा है। इधर प्रशासन और शिक्षा विभाग इस पुरे मामले पर चुपी साधे हुए है।इन दिनों शहर के कुछ चुनिंदा पुस्तक विक्रेताओं की दुकानों पर लम्बी लाइने देखने को मिल रही है।अभिभावक मजबूरी मे स्कूलों द्वारा निर्धारित चुनिंदा दुकानों पर पहुंच रहे है। स्कूलों द्वारा तय निजी प्रकाशकों की किताबें एनसीईआरटी की किताबों से 4 गुना ज्यादा महंगी है। एनसीईआरटी की 256पन्नो की एक किताब 65 रूपये की है जबकि वही निजी प्रकाशकों की 167 पन्नो की किताब 305 रूपये मे मिल रही है।अभिभावक भी यही सवाल पूछ रहे है की स्कूलों द्वारा ऐसा कौन सा किताब पढ़ाया जा रहा है जो 500 से 600 रूपये मे मिल रही है। इतनी महगी तो बीए. एमे की भी किताबें नहीं आती।

मिली भगत से चल रहा पूरा खेल
किताब खरीदने पहुचे एक अभिभावक ने बताया की दुकानों पर बस स्कूल का नाम बता दो दुकानदार आपको पूरा किताबों का सेट थमा देगा। बिना स्कूल और पुस्तक विक्रेता के मिली भगत के बिना ये कैसे संभव है?किसी दूसरे दुकान पर उस स्कूल की एक भी किताब क्यों नहीं मिलती, वही स्कूल द्वारा बताये गए दुकान पर स्कूल का नाम और कक्षा मात्र बता देने पर किताबें मिल जाती है।

किस कक्षा की किताब कितने मे

नर्सरी – 2000 से 3000
केजी – 2500 से 4000
एलकेजी – 3200 से 4500
पहली -3500 से 5000
दुसरी -4000 से 6000
चौथी -5000 से 7000

जानकारी के अनुसार, कुछेक पुस्तक विक्रेताओं के पास निजी प्रकाशकों की पुस्तकें उपलब्ध हैं। ऐसे में ये विक्रेता स्कूल संचालकों के साथ समझौता कर मनमानी दाम अभिभावकों पर थोप रहे हैं। एक बार पढ़ने के बाद दोबारा कोई बच्चा पुस्तकों का इस्तेमाल न कर सके, इसके लिए हर वर्ष पुस्तकों में बदलाव किया जा रहा है।

विदित हो कि एनसीईआरटी की पुस्तकों का कक्षा प्रथम से लेकर पांचवीं तक पूरे सेट का दाम 200 से 250 रुपये के बीच है, जबकि निजी प्रकाशकों की पुस्तकें 2500 से लेकर 2700 रुपये तक बेची जा रही हैं। इसी प्रकार छठी से लेकर आठवीं तक एनसीईआरटी के दाम 800 से 900 रुपये हैं, जबकि निजी प्रकाशकों की पुस्तकों के दाम 6000 रुपये से भी अधिक वसूले जा रहे हैं। नौवीं और 11वीं कक्षा के विद्यार्थियों की पुस्तकों के दाम निजी प्रकाशकों द्वारा 2500 रुपये से ज्यादा लिए जा रहे हैं, जबकि एनसीईआरटी के दाम 1000 रुपये तक हैं। बोर्ड की कक्षाओं के विद्यार्थियों को एनसीईआरटी की पुस्तकें अनिवार्य हैं, लेकिन अधिक तैयारी का हवाला देकर उनसे भी निजी प्रकाशकों की पुस्तकें मंगवाई जा रही हैं। नाम न छापने की शर्त पर कुछ पुस्तक विक्रेताओं ने बताया कि जिले में कुछ ही स्कूल हैं, जो एनसीईआरटी की पुस्तकें लगवा रहे हैं। अधिकतर स्कूलों में निजी प्रकाशकों की पुस्तकें लग रही हैं। एनसीईआरटी की जो पुस्तकें उपलब्ध हैं, वो अभिभावकों को दी जा रही हैं। विभाग को चाहिए कि वह सभी स्कूलों को निर्देश दे कि जो पुस्तकें वे लगवाएंगे, उनकी जानकारी विभागीय कार्यालय में दी जाए।

इंटरनेट से ली गई फ़ाइल फोटो

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