घासीदास नगर तालाब में लोग फेंक रहे कूड़ा,नहीं हो रही सफाई,निगम की अनदेखी से कूड़ादान मे तब्दील हुआ तालाब……
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रवि मिश्रा
भिलाई: शहर मे सरोवर और जलाशय आज भी निस्तारी जल का प्रमुख स्त्रोत है। लोगों की उपेक्षा के कारण नगर के तालाब प्रदूषित होते जा रहे हैं। कूड़ा करकट इन तालाबों में डाल दिए जाते हैं। इससे दिनों दिन जल स्त्रोत अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहे हैं। जल स्त्रोतों को साफ रख कर इन्हें सुरक्षित रखा जा सकता है। हमारा दायित्व है कि बुजुर्ग जिन धरोहरों को हमारे हवाले कर गए हैं, उन्हें साफ और स्वच्छ रखें। लेकिन नगर वासियों द्वारा ही तालाब मे कूड़ा डाल कर तालाब की स्वच्छता को दूषित किया जा रहा है।और निगम द्वारा कोई भी ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है। जिससे तालाब की हालत ऐसे है की पुरा तालाब कूड़ेदान की जगह बनकर रह गया है।जिस पर निगम के सफाई अमले को ध्यान देने की आवश्यकता है।
लोग निस्तारी जल के लिए तालाब पर निर्भर
आज भी बड़ी संख्या में लोग निस्तारी जल का उपयोग के लिए तालाब पर निर्भर रहते हैं। शासन ने कई योजनाओं के माध्यम से इन तालाबों की किस्मत बदलने का प्रयास किया। पर लोगों की जागरूकता की अभाव में दिनों दिन ये तालाब प्रदूषण की मार झेलने पर मजबूर हो रहे हैं। लोग कूड़ा करकट और गंदगी डाल कर इन शुद्घ जल स्त्रोतों को प्रदूषित करने से बाज नहीं आ रहे हैं। वहीं नगर पंचायत प्रशासन भी इन तालाबों की सफाई के प्रति उदासीन है। नगर के सभी तालाबों में बड़ी संख्या में लोग निस्तारी के लिए उपयोग करते हैं। नहाने धोने के साथ साथ पूजा पाठ के अवसरों पर इन तालाबों के परिसर में पूरा नगर उमड़ आता है।
सुंदरता पर लगने लगा ग्रहण
यहां के पानी का उपयोग आसपास के नागरिक करते हैं। लेकिन दिनों दिन कचरा डालने से यहां का पानी प्रदूषित होते जा रहा है, जिससे इन तालाबों की सुंदरता में ग्रहण लगने लगा है। हम सबका दायित्व है कि इन धरोहरों को सुरक्षित रखने में भागीदारी निभाएं। इससे हमारी आने वाली पीढ़ी को निस्तारी जल संकट का सामना नहीं पडेगा। आज भी तालाब सरोवर और नदी नाले का जीवन में बहुत महत्व है।