आजादी की लड़ाई से न्याय और लोकतंत्र का अमृत निकला: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल
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रायपुर: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज भारत की आजादी की 76वीं वर्षगांठ के पावन और गौरवशाली अवसर पर राजधानी रायपुर के पुलिस परेड मैदान में ध्वजारोहण करने के बाद प्रदेशवासियों को स्वतंत्रता दिवस की बधाई और शुभकामनाएं दी। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों को दिए अपने संबोधन में साहित्यिक वातावरण को सुदृढ़ करने तीन श्रेणियों में छत्तीसगढ़ साहित्य अकादमी सम्मान देने की घोषणा की। इनमें पहली श्रेणी अंतर्गत छत्तीसगढ़ी तथा अन्य बोली जैसे गोंडी, हल्बी, सरगुजिया में लिखे गए साहित्य के लिए, दूसरी श्रेणी के अंतर्गत हिंदी पद्य के लिए तथा तृतीय श्रेणी के अंतर्गत हिंदी गद्य के लिए हर श्रेणी में सम्मानित साहित्यकारों को पांच लाख रूपए नगद एवं प्रशस्ति पत्र प्रदान किए जाएंगे। इसके साथ ही उन्होंने बालिकाओं से छेड़छाड़ दुष्कर्म आदि के आरोपियों को शासकीय नौकरियों में प्रतिबंधित करने की घोषणा की। साथ ही उन्होंने छत्तीसगढ़िया ओलंपिक राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में लंबी कूद, 100 मीटर दौड़ एवं कुश्ती के खेल में 18 से 40 वर्ष की आयु वर्ग में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले प्रतिभागियों को उत्कृष्ट खिलाड़ी घोषित करने की घोषणा की, यह प्रावधान इसी सत्र से लागू होगा। रेशम कीट पालन एवं मधुमक्खी पालन को भी कृषि का दर्जा देने की घोषणा की। कुक्कुट पालन को प्रोत्साहित करने ’कुक्कुट पालन प्रोत्साहन योजना’ आरंभ हुई। इसमें कुक्कुट पालकों को रियायती दर पर बिजली उपलब्ध होगी। दूरस्थ क्षेत्रों के शासकीय शालाओं के 11वीं, 12वीं के विद्यार्थियों को इंजीनियरिंग एवं मेडिकल प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए कोचिंग हेतु देश की ख्याति प्राप्त संस्थाओं द्वारा सभी विकासखण्ड मुख्यालयों में ऑनलाईन कोचिंग की व्यवस्था की जाएगी। सभी जिलों में कम से कम एक कॉलेज में पोस्ट-ग्रेजुएट कक्षाओं में अध्ययन की सुविधा उपलब्ध होगी। इस क्रम में शासकीय लोचन प्रसाद पाण्डेय महाविद्यालय सारंगढ़, डॉ. भंवर सिंह पोर्ते महाविद्यालय पेण्ड्रा, क्रांतिकुमार भारती महाविद्यालय सक्ती, एल.सी.एस महाविद्यालय अंबागढ़ चौकी को स्नातकोत्तर महाविद्यालय का दर्जा प्रदान करने की घोषणा की। यहां अतिशीघ्र आवश्यक नवीन विषय एवं पद संरचना उपलब्ध कराई जाएगी।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर जनता के नाम अपने स्वतंत्रता दिवस संदेश में कहा कि भारत की आजादी की लड़ाई से न्याय और लोकतंत्र का अमृत निकला। वास्तव में यह मानवता को तरह-तरह के अत्याचारों और अन्यायोें से मुक्त कराने की बड़ी लड़ाई थी, जिसका संदेश पूरी दुनिया में गया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ में एक नया सफर शुरू हुआ है, जिसमें हमने नवा छत्तीसगढ़ गढ़ने का जो संकल्प लिया था, उसे पूरा करने का काम जी-जान से कर रहे हैं। यही वजह है कि प्रदेश के वन अंचल से लेकर कस्बों, गांवों, शहरों में, हर जगह खुशहाली आई है। हमने छत्तीसगढ़ में सभी वर्गों का स्वाभिमान और और स्वावलंबन बढ़ाने के लिए 1 लाख 60 हजार करोड़ रूपए से अधिक की राशि विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत लोगों के बैंक खातों में प्रदान की है। विकास का हमारा ‘छत्तीसगढ़ मॉडल’ प्रदेशवासियों के लिए उम्मीदों की नई किरणें लेकर आया है, साथ ही देश को भी नई दिशा देने में सफल रहा है। हम सब मिलकर ‘गढ़बो नवा छत्तीसगढ़’ का लक्ष्य पूरा करेंगे।
अमर शहीदों को नमन
मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि आजादी की लड़ाई में लाखों लोगों ने अपनी जान की बाजी लगा दी थी। इसमें छत्तीसगढ़ का नाम अग्रिम पंक्ति में दर्ज कराने वाले अमर शहीद गैंदसिंह, शहीद वीर नारायण सिंह जैसे महान सपूतों का पावन स्मरण करते हुए मैं सभी अमर शहीदों को नमन करता हूं। मंगल पाण्डे, भगत सिंह, चन्द्रशेखर आजाद, रामप्रसाद बिस्मिल, अशफाकउल्ला खां, रानी लक्ष्मीबाई, रानी अवंतिबाई लोधी जैसी हजारों विभूतियों की शहादत हमें देश के लिए सर्वाेच्च बलिदान की प्रेरणा देती रहेगी। हमारा सौभाग्य है कि आजादी की लड़ाई का नेतृत्व करने वाले अनेक महान नेता आजाद देश के नवनिर्माण का नेतृत्व भी करते रहे। मैं उन पुरखों को याद करते हुए नई पीढ़ी को बलिदान और योगदान की गौरवशाली विरासत से जोड़ना चाहता हूं। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, पंडित जवाहरलाल नेहरू, डॉ. राजेन्द्र प्रसाद, डॉ. भीमराव अम्बेडकर, लाल बहादुर शास्त्री, नेताजी सुभाष चन्द्र बोस, सरदार वल्लभ भाई पटेल, लाल-बाल-पाल, मौलाना अबुल कलाम आजाद जैसी विभूतियों ने राष्ट्रीय स्तर पर नेतृत्व दिया था।
