भिलाई-दुर्ग में फ़ैल रहे खतरनाक नशे पर विशेष रिपोर्ट: चिट्टा के नशे में बर्बाद हो रही युवा पीढ़ी नशे की लत में दाव पर लगा रहे जिंदगी

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रविकांत मिश्रा
भिलाई: सूखे नशे ने लोगों का सुख चैन तो छीन ही लिया है, अब लोगों के वंश और नस्लों पर भी बन आई है। शराब के बाद सूखा नशा युवाओं की नसों में इस कदर दौड़ने लगा है कि परिवार के परिवार बर्बादी के कगार पर पहुंच गए हैं। चिट्टा, गांजा, चरस, हेरोइन और स्मैक को हाई सोसाइटी प्रोफाइल का हिस्सा मानने वाले परिवारों के बच्चे जवानी में ही अपना सब कुछ गंवा रहे हैं। इस नशे के लिए युवा दुर्ग-भिलाई और रायपुर में खाक छानने के बाद पंजाब तक तक पहुंच रहे हैं

बता दे की चिट्टे की लत भिलाई दुर्ग मे महामारी की तरह फैल रही है जिसकी जद में कॉलेज स्टूडेंट हो या बड़ा से बड़ा कारोबारी सब चिट्टे में ज़िन्दगी का दाव लगा रहे है, वही इस पुरे नशे के खेल से जुड़े तस्करो की चांदी है। सूत्रों की माने तो भिलाई-दुर्ग के 40 से ज्यादा तस्कर इस काले करोबार में संक्रिय है जो ज्यादा तर कॉलेज के आस पास रहकर चिट्टे के कारोबार को चला रहे है चिट्टे की ज्यादा तर खेप कॉलेज और पास इलाकों में खपाई जाती है। ऐसा ही एक बड़ा गिरोह दुर्ग रेलवे स्टेशन के पास भी सक्रिय है।मिली जानकारी के अनुसार दुर्ग ही चिट्टे के काले कारोबार का मुख्य केंद्र माना जाता है। यही से चिट्टे की पूरी खेप शहर में भेजी जाती है जहा पर अलग-अलग जगहों पर इनके अवैध कारोबारी चिट्टे के कारोबार को संचालित करते है। भिलाई में नेहरू नगर, स्मृति नगर, कैंप, बैकुंठधाम, हाउसिंग बोर्ड, खुर्सीपार, कुरुद में इसकी बड़े स्तर पर तस्करी की जा रही है। जिससे आने वाली नस्लों पर खतरा मंडरा रहा है। युवा चिट्टे की लत में पागल होते जा रहे जिसपर विचार करने की शख्त आवश्कता है।

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