“सैया” भये कोतवाल तो अब डर काहे का: सत्ता के पुराने चावल चोरो को सत्ता से हटा नए चावल चोर तस्करी में निकल रहे आगे…….

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रविकांत मिश्रा!दुर्ग:सत्ता हटते ही शहर में एक नया विवाद शुरू हो गया है। शहर में जो वर्षो से विधायक और मंत्री जी के खास बनकर पीड़िएस की चावल चोरी का कारोबार कर रहे थे उनसे सत्ता हटते ही कुछ नए युवा नेताओं द्वारा छिना झपटी कर तस्करी के सत्ते से हटा दिया गया है। बेचारे पुराने तस्कर जो चावल की तस्करी के सत्ते पे वर्षो से विराजमान थे उन्हें सत्ते के नए नुमाइंदो ने सत्ता विहीन कर दिया है। खुर्सीपार से लेकर राधिका नगर और केम्प एरिये में पुराने तस्करो की चावल तस्करी की सत्ता जा चुकी है। 5 सालो तक इन तस्करो ने चावल की तस्करी पर एक छत्र राज किया था लेकिन सत्ता जाते ही इनकी तस्करी पर लगाम लग गयी चावल तस्करी के नए नुमाइंदो ने चावल तस्करी पर अपना अधिकार जमाते हुए पुराने तस्करो को ये नसीहत दे डाली की 5 सालो तक तुम्हारी सत्ता चावल तस्करी में खूब फली फूली अब चावल तस्करी की सत्ता हमारी है। थक हार कर पुराने तस्करो ने हथियार डाल दिए है। और अब अपनी बारी आने के इंतजार में भूमिगत रूप से जमीन दोज हो गए है। शहर की कॉपरेटियों और चवाल तस्करी के छोटे-छोटे कोचीयो को सत्ता का धौंस जमाते हुए ये चावल तस्करी के नए नुमाइंदे कहते फिर रहे है ज़ब “सैया” भये कोतवाल तो अब डर काहे का….

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