नक्सलियों पर बड़ी कार्यवाही की तैयारी, गृहमंत्री अमित शाह के घर पर चल रही अहम बैठक

नई दिल्‍ली/रायपुर! छत्तीसगढ़ में तकरीबन 400 नक्सलियों के समूह ने सुरक्षाकर्मियों पर घात लगाकर हमला किया था। समाचार एजेंसी पीटीआइ ने यह जानकारी आधिकारिक सूत्रों के हवाले से दी है। सूत्रों का कहना है कि नक्‍सलियों ने पूरी तैयारी के साथ धात लगाकर हमला बोला था। नक्‍सली एलएमजी जैसे हथियारों से लैस थे। इस मुठभेड़ में सुरक्षा बलों के कम से कम 22 जवान वीरगति को प्राप्‍त हुए हैं जबकि 30 अन्य जख्‍मी बताए जाते हैं। इस बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह अपना चुनावी कार्यक्रम छोड़कर दिल्‍ली लौट आए हैं। वह आइबी और सीआरपीएफ के शीर्ष अधिकारियों के साथ बैठक कर रहे हैं।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को कहा- वीरगति पाने वाले जांबाज जवानों को हमारी श्रद्धांजलि है।

हम उनके परिजनों और देश को विश्वास दिलाते हैं कि बहादुर जवानों ने देश के लिए जो अपना खून बहाया है वह व्यर्थ नहीं जाएगा। नक्सलियों के खिलाफ मजबूती के साथ लड़ाई जारी रहेगी। हम इसे अंतिम नतीजे तक ले जाएंगे। इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मुठभेड़ के संबंध में छत्तीसगढ़ के मख्यमंत्री भूपेश बघेल से बात की। केंद्रीय गृह मंत्री के आदेश पर सीआरपीएफ के महानिदेशक कुलदीप सिंह भी हालात का जायजा लेने के लिए रविवार को सुबह छत्तीसगढ़ पहुंचे।

गृहमंत्री अमित शाह के आवास पर हो रही इस बड़ी बैठक में केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्‍ला, आइबी के निदेशक अरविंद कुमार और वरिष्‍ठ सीआरपीएफ अधिकारी मौजूद हैं। वहीं दूसरी ओर डीजी सीआरपीएफ कुलदीप सिंह ने कहा कि इस ऑपरेशन में किसी तरह की खुफिया विफलता नहीं थी। यदि ऐसा होता तो ऑपरेशन के लिए हमारे जवान मौके पर नहीं जाते। यदि ऑपरेशनल विफलता होती तो इतने नक्सली भी नहीं मारे जाते। नक्सलियों ने अपने साथियों के शवों को ले जाने के लिए तीन ट्रैक्टरों का इस्तेमाल किया। हालांकि कुलदीप सिंह ने यह नहीं बताया कि इस ऑपरेशन में कुल कितने नक्‍सली मारे गए हैं।

कुलदीप सिंह ने कहा कि मारे गए नक्‍सलियों की संख्‍या 25-30 से कम नहीं होना चाहिए। वहीं सूत्रों का कहना है कि सुरक्षा बलों के 1,500 जवानों की टुकड़ी ने बीजापुर-सुकमा जिले की सीमा के आसपास के क्षेत्र में नक्सलियों की मौजूदगी की गुप्‍त सूचना पर दोपहर के बाद तलाशी अभियान चलाया था। सुरक्षा बलों की टुकड़ी में सीआरपीएफ की विशेष कोबरा इकाई के जवान और इसकी नियमित बटालियनों की कुछ टीमें शामिल थीं। ऑपरेशन में छत्तीसगढ़ पुलिस से संबद्ध जिला रिजर्व गार्ड यानी डीआरजी और अन्य जवान शामिल थे।

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