यूपी के पंचायत चुनाव मे बजेगा छत्तीसगढ़ के “गोधन धन” का डंका प्रचार के लिए लखनऊ पहुंची युवा कांग्रेस की टीम, प्रियंका ने दी मुख्यमंत्री को योजना अपनाने की सलाह
रायपुर। उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव के लिए प्रचार का दौर शुरू हो गया है। कांग्रेस वहां छत्तीसगढ़ में ग्रामीण अर्थव्यवस्था की मजबूती और विकास के लिए किए जा रहे कार्यों को चुनावी मुद्दा बनाने जा रही है। उत्तर प्रदेश में छुट्टा (बेसहारा) मवेशी बड़ी समस्या है। इस वजह से यहां की ‘गोधन न्याय’ योजना पर विशेष जोर दिए जाने की रणनीति बनाई गई है। छत्तीसगढ़ युवक कांग्रेस की टीम उत्तर प्रदेश के अलग-अलग क्षेत्रों में सक्रिय हो गई है। टीम के सदस्य पार्टी कार्यकर्ताओं को छत्तीसगढ़ सरकार की योजनाओं की भी जानकारी देंगे।
कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव और उत्तर प्रदेश के प्रभारी राजेश तिवारी ने कहा कि छत्तीसगढ़ में ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए राज्य सरकार ने कई कार्यक्रम और योजनाएं शुरू की हैं।
इसका असर भी प्रदेश में दिख रहा है। यहां की गोधन न्याय योजना की सराहना तो हर तरफ हो रही है। इस योजना के कारण लोग अब मवेशियों को खुला नहीं छोड़ रहे हैं। गोठानों के माध्यम से महिला स्व सहायता समूहों को रोजगार मिल रहा है। संसद की स्थायी समिति ने इसे पूरे देश में लागू करने की सिफारिश की है। उत्तर प्रदेश के पंचायत चुनाव के प्रचार में छत्तीसगढ़ सरकार के इन कामों और योजनाओं की जानकारी हम वहां की जनता को भी दे रहे हैं। वहां हम बता रहे हैं कि कैसे छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार की नीतियों का सकारात्मक असर हो रहा है।
प्रियंका ने उत्तर प्रदेश सरकार को दी योजना को अपनाने की सलाह
कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका वाड्रा ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखा था। इसमें वहां की गोशालाओं में मवेशियों की मौत का हवाला देते हुए छत्तीसगढ़ की गोधन न्याय योजना को अपनाने की सलाह दी थी। वाड्रा ने पत्र में कहा था कि इस योजना से सड़कों पर मवेशियों के घुमने की समस्या से मुक्ति के साथ खेतों को होने वाले नुकसान से भी बचाया जा सकता है और ग्रामीणों को आमदनी भी होगी।
क्या है गोधन न्याय योजना

छत्तीसगढ़ में करीब एक वर्ष पहले इस योजना को शुरू किया गया है। गोठान समितियों के माध्यम से दो रुपये प्रति किलो की दर से गोबर की खरीदी की जा रही है। इस गोबर से दीया और गमला के साथ ही वर्मी कंपोस्ट बनाया जाता है। इस योजना का लाभ एक लाख 62 हजार 497 पंजीकृत पशुपालकों को मिल रहा है। इनमें 70 हजार 299 भूमिहीन ग्रामीण हैं। अब तक 80 करोड़ रुपये से अधिक की गोबर की खरीदी प्रदेश में हो चुकी है।