दुर्ग:कोरोना पीड़ितों को सहायता के नाम पर, जनप्रतिनिधियों के फर्जी नंबर के साथ व्हाट्सएप्प पर फर्जी मैसेज वायरल
दुर्ग /भिलाई। इंटरनेट मीडिया पर वायरल हो रहे एक फर्जी मैसेज के चलते दुर्ग विधायक, महापौर व सभापति समेत कुछ अधिकारी परेशान हो गए हैं।
वायरल मैसेज में ये दावा किया गया है कि यदि उन्हें घर पहुंच आरटीपीसीआर जांच, होम आइसोलेशन की जानकारी, वेंटिलेटर की व्यवस्था, हास्पिटल में बेड चाहिए, कोविड सेंटर में बेड की उपलब्धता, आक्सीजन सिलिंडर, एंबुलेंस, शव वाहन औरर रेमिडेसिविर की जरूरत है तो दुर्ग विधायक, महापौर, सभापति सहित मैसेज में दिए गए नंबरों पर संपर्क कर सकते हैं।
वे इन आवश्यकताओं को पूरी करने में सभी की मदद करेंगे। मैसेज के वायरल होने के बाद से भी जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों के पास दुर्ग के अलावा प्रदेश के अलग-अलग जिलों से फोन आने लगे हैं।
परेशान होकर जनप्रतिनिधि ने इसकी शिकायत की अफसरों ने, इसकी जांच शुरू कर दी है, दुर्ग सीएसपी ने दुर्ग13 अप्रैल कोरोना पीड़ितों को सहायता उपलब्ध कराने की एक फर्जी अपील की पुलिस में आज शिकायत की गई है। पुलिस ने इस मामले की पतासाजी शुरू कर दी है। शिकायत के अनुसार कई वाट्सअप ग्रुप में एक अपील जारी की गई है। जिसमें दुर्ग के विधायक, महापौर, निगम सभापति, नेता प्रतिपक्ष सहित सत्तापक्ष और विपक्ष के कई जनप्रतिनिधियों के मोबाइल नंबर दिए गए हैं। अपील में कहा गया है कि कोरोना टेस्ट कराने, आरटीपीसीआर की घर पहुंच सेवा, होम आइसेलेशन की जानकारी, वेंटिलेटर की व्यवस्था, हास्पिटल में बेड या आक्सीजन सिलेंडर की व्यवस्था सहित एंबुलेंस या शव वाहन की व्यवस्था के अलावा भोजन, दवा, रेमिडीसिविर इंजेक्शन की जरूरत होने पर दिए गए नंबरों पर संपर्क करें।

मैसेज मे दावा ये सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएगी।
इस फर्जी अपील को प्रदेश के कई जिलों में अलग-अलग वा्टसअप ग्रुप में भेजा गया है। फर्जी तरीके से तैयार की गई इसअपील को वाट्सअप ग्रुप में पोस्ट करने के कारण दुर्ग के जनप्रतिनिधियों के पास प्रदेश के कई जिलों से कोरोना पीड़ितों के फोन आ रहे हैं। जनप्रतिनिधियों का कहना है कि वे अपने क्षेत्र की जनता की सेवा कर रहे हैं। पीड़ितों को पर्याप्त सुविधा दिलाने के लिए लगातार कोशिश की जा रही है। लेकिन, इस तरह की फर्जी अपील जारी करना गलत है। फर्जी अपील को वाट्सअप ग्रुप में पोस्ट करने की जानकारी पुलिस से कर दी गई है।
सूत्रों के अनुसार जनप्रतिनिधियों ने पुलिस से इस मामले की जांच करने कहा है। सीएसपी विवेक शुक्ला का कहना है कि इस मामले की पतासाजी की जा रही है। इसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। आपको बता दें कि महामारी के दौरान किसी भी तरह की अफवाह फैलाना अपराध की श्रेणी में आता है। कोरोना जैसी वैश्विक महामारी के दौर में लोगों को गलत जानकारी देने, लोगों की भावनाओं से खिलवाड़ करने और झूठ फैलाने के कारण ऐसी फर्जी अपील जारी करने वालों के खिलाफ पुलिस एक्शन ले सकती है। वाट्सअप ग्रुप में कोरोना के इलाज की व्यवस्थाओं को लेकर कुछ वाट्सअप ग्रुुप में लगातार लोगों को भड़काने की कोशिश की जा रही है। वैश्विक संकट के इस दौर में सहयोग के हाथ बढ़ाने की बजाय आक्रोश बढ़ाने की कोशिशों पर जनप्रतिनिधियों ने कड़ी नाराजगी जताई है।